1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने से पहले, सहकार भारती के नेताओं ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके आवास 15, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली में मुलाकात की। इस मौके पर सतीश मराठे, रमेश वैद्य, उदय जोशी, संजय पचपोर और कृष्णा रेड्डी उपस्थित थे।
नेताओं ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों को वित्त मंत्री के समक्ष रखा। “45 मिनट से अधिक समय तक चली बैठक लाभदायक थी”, मराठे ने बैठक के तुरंत बाद “भारतीयसहकारिता” से कहा।
मराठे ने कहा, “उन्होने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद हमें बहुत धैर्य से सुना और जल्द से जल्द मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया।”
सहकार भारती की टीम ने सहकारी क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया। बैठक में बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन कर यूसीबी को विनियमित करने के लिए आरबीआई को पूर्ण अधिकार देने पर चर्चा की। वर्तमान में, सहकारी बैंकों को राज्य सहकारी पंजीयक और आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
मराठे ने बताया, हमने एफएम से आग्रह किया कि को-ऑप्स पर आयकर कम किया जाए जैसा कि कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्थाओं के लिए किया गया है। निजी बैंकों को सिर्फ 22 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स देना पड़ता है जबकि को-ऑप बैंकों और 15-20 करोड़ के कारोबार वाले यूसीबी को 33% का भुगतान करना पड़ता है”, मराठे ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का अनुरोध किया और डीआईसीजीसी अधिनियम में संशोधन करके घोटालाग्रस्त पीएमसी बैंक और पेन अर्बन कोप बैंक के जमाकर्ताओं को राहत दी जाए”, मराठे ने मांग की।
अन्य मुद्दे सीबीडीटी से जुड़े थे जिसमें पीएसीसी, क्रेडिट को-ऑप्स को आईटी नोटिस देने पर विस्तृत दिशानिर्देश (एससी जजमेंट/वैद्यनाथन कॉम सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए) जारी करना शामिल था।
बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि सामाजिक संगठनों की तरह को-ऑप्स को भी बॉन्ड जारी करके लंबी अवधि के फंड जुटाने के लिए सशक्त बनाने हेतु सेबी को लिस्टिग प्लेटफॉर्म प्रदान करने का निर्देश दिया जाये।
सहकार भारती संरक्षक ज्योतिंद्र मेहता भी बैठक में शामिल होने वाले थे, लेकिन व्यस्तता के कारण शामिल नहीं हो सके।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में वरिष्ठ सहकारी नेता दिलीपभाई संघानी और नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्रभाई मेहता ने दिल्ली में भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में भाग लिया, जहां दोनों नेताओं ने को-ऑप्स से संबंधित कई मुद्दों को उठाया।