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मंत्री का जोर; सरकारी एजेंसियों की जगह सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी जाये

सहकार भारती द्वारा लखनऊ में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए, यूपी के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव के बावजूद भी सहकारी क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पूरे क्षेत्र को सहकारी भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए और सरकारी क्षेत्र में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए”, मंत्री ने कहा।

वह समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर कई वक्ताओं ने राज्य में पैक्स सहित सहकारी आंदोलन के विभिन्न घटकों पर चर्चा की।

वर्मा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सहकारी समितियां तभी आगे बढ़ेंगी जब वे जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगी।

अपने मुख्य भाषण में, आरबीआई के निदेशक सतीश मराठे ने कहा कि जो सहकारी समितियां अच्छी तरह से काम नहीं कर रही हैं, उन्हें बंद किया जाना चाहिए। मराठे ने जोर दिया कि सहकारी समितियों का गठन नए मानदंडों के अनुसार किया जाये। उन्होंने नए युग की सहकारी समितियों की बात की, जो पारंपरिक कृषि सहकारी समितियों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास को सुनिश्चित कर सकती हैं।

आज कृषि से आय 35 प्रतिशत है और शेष 65 प्रतिशत आय गैर-कृषि क्षेत्र पर निर्भर करती है, हमें देश के जीडीपी में कृषि के योगदान को बढ़ाने की आवश्यकता है”, मराठे ने कहा।

इस बीच मराठे ने कहा कि राज्य में केवल कुछ ही पैक्स अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है। “भारत में 95,000 में से केवल 5000 पैक्स देश में अच्छा काम कर रही हैं”, मराठे ने रेखांकित किया, जो आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड में भी हैं।

इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में बोलते हुए, इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने कहा, पैक्स को अपनी कार्यशैली में नवीनतम तकनीक को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है। यह उनके काम को आसान ही नहीं बनाएगा बल्कि उनके व्यवसाय को भी बढ़ाएगा। सरकार को एफपीओ बनाने के बजाय मौजूदा पैक्स को मजबूत बनाना चाहिए। भारत में पैक्स समितियों का ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा खासा नेटवर्क है”।

अवस्थी ने आगे कहा, “पैक्स समितियां सहकारी आंदोलन की मुख्य स्तंभ हैं। यूपी में लगभग 7000 पैक्स हैं जिनमें से 5500 पैक्स इफको के सदस्य हैं और उर्वरक सहकारी उन्हें 20 प्रतिशत लाभांश दे रहा है”।

राज्य निर्माण और श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार तिवारी ने अपने भाषण में कहा कि, “देश की 60 प्रतिशत आबादी सहकारी क्षेत्र पर निर्भर है और लोग इस क्षेत्र से अपेक्षा कर रहे हैं कि वे उनकी आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने में उनकी मदद करें”।

सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य ने कहा, “सहकारी क्षेत्र के लाभ के लिए सहकार भारती नियमों में आवश्यक संशोधन करने के लिए सभी प्रयास करेगा।”

संगोष्ठी की अध्यक्षता यूपी राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष और पूर्व सांसद तेजवीर सिंह ने की। इसका संचालन सहकार भारती के यूपी चैप्टर के प्रदेश महासचिव प्रवीण सिंह ने किया।

सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी; यूपी जूट कोऑपरेटिव यूनियन के अध्यक्ष भारत त्रिपाठी; सहकार भारती, यूपी संगठन प्रमुख, राजदत्त पांडेय और यूपी के कई जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष और सीईओ सहित कई अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

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