छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य की दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़ी सहकारी नेताओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन संघ के रायपुर में स्थित प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए दुग्ध सहकारी के 38 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष झुमनुम गुप्ता ने कहा, “किसान और पशुपालक अपने क्षेत्र में सबसे बड़ी वैज्ञानिक हैं। उन्हें जमीन का ज्ञान है, जो किताबों में कही नहीं लिखा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, सहकारी समितियों के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, पशुपालन और पशु स्वास्थ्य में सुधार के बारे में विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा के वेटरनरी मेडिसिन विभाग के प्रभारी और वेटेरिनरी कॉलेज, बिलासपुर के एसोसिएट प्रोफेसर- डॉ सुशोभन राय ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर अपने विचार साझा किए।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी के शुक्ला ने सहकारी समिति, व्यवसाय विकास, सहकारी कानून और सहकारी नियमों को कैसे संचालित किया जाए, इसके बारे में भी जानकारी दी।
प्रतिभागियों को एक दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया था।
हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ से प्रशिक्षण लेने के बाद वापस लौटीं एसोसिएशन की सदस्य श्रीमती शोभा चहिल ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान प्रशिक्षकों के साथ दिल्ली के अपने अनुभव साझा किए।
इस मौके पर प्रतिभागियों ने अपना अनुभव भी साझा किया और कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त ज्ञान का लाभ उठाकर वे अपनी समिति का बेहतर विकास कर सकते हैं। उन्होंने राज्य सहकारी संघ और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में 911 प्राथमिक स्तर की दुग्ध सहकारी समितियाँ और लगभग 500 अन्य समितियां सक्रिय हैं।