सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था- नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनसीयूआई) ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिये सरकार को हर संभव मदद देने की घोषणा की है। एनसीयूआई ने सरकार के समक्ष 48 से अधिक कमरों वाले हॉस्टल को “आइसोलेशन वार्ड” बनाने का प्रस्ताव रखा है।
इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुये, संस्था के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव ने कहा कि, कोरोना के वैश्विक परिदृश्य पर हम बारीकी से नजर रख रहे हैं और सरकार को सहयोग देने के लिये मैंने सहकारी नेताओं के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की।
एनसीयूआई ने अपने कर्मचारियों का एक दिन का वेतन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान करने की भी घोषणा की है।
“भारतीयसहकारिता” के साथ बातचीत में एनसीयूआई के सीई एन सत्यनारायण ने कहा, “एनसीयूआई ने कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए पीएम राष्ट्रीय राहत कोष में अपने कर्मचारियों का एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है”।
“कोविद-19 के खिलाफ लड़ाई में, एनसीयूआई ने देश के विभिन्न राज्यों में फैले अपने 250 से अधिक स्थायी और संविदा कर्मचारियों के एक दिन के वेतन का योगदान देने का निर्णय लिया है। 20,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी ही योगदान करेंगे, जिसकी अनुमानित राशि लगभग 5 लाख रुपये है। हम सब कोविद–19 के खिलाफ देशव्यापी एकजुट प्रयास का हिस्सा बनें”, सत्यनारायण ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि दिल्ली कॉर्पोरेट कार्यालय पूरी तरह से बंद है और कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है, लेकिन अनिवार्य कार्य के चलते कुछ कर्मचारियों समेत मुझे मुख्यालय आना पड़ता है।
“हमने अपने कर्मचारियों और अन्य लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव उपाय किया हैं। एनसीयूआई ने कर्मचारियों को सैनिटाइज़र, मास्क समेत अन्य चीजें वितरित की हैं। एनसीयूआई परिसर की देखभाल करने वाले गार्डों को भी मास्क एवं अन्य चीजें मुहैया कराई गई हैं”, सीई ने कहा।