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कृभको के 2 करोड़ के दान की गौड़ा ने की प्रशंसा

देश में यूरिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक कृभको ने भी मंगलवार को पीएम केयर्स फंड में 2 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

इस खबर को साझा करते हुये कृभको के प्रबंध निदेशक राजन चौधरी ने कहा कि कृभको ने पीएम केयर फंड में 2 करोड़ रुपये का योगदान दिया है और इस भंयकर चुनौती से लड़ने और उस पर काबू पाने में सरकार के साथ खड़े हैं।

इस मौके पर एमडी ने ट्वीट किया और लिखा, “कृभको ने # COVID19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए #PMCaresFund में 2 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। @narendramodi @DVSadanandGowda, @PMOIndia, @fertmin_india, @ PIB_India”।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने दान देने के लिए कृभको का धन्यवाद किया। गौड़ा ने ट्वीट किया, “मैं # COVID19 के खिलाफ लड़ने और #IndiaFightsCorona के लिए सभी राहत कार्यों का समर्थन करने के लिए #PMCARES फंड में 2 करोड़ रुपये का योगदान करने के लिए #KRIBHCO प्रबंधन का धन्यवाद करता हूँ”।

गौड़ा ने कृभको के प्रबंध निदेशक के ट्वीट को भी रीट्वीट किया, जिसमें दान की घोषणा की गई थी।

एम डी ने कहा कि मंगलवार को कृभको ने अपने आईसीआईसीआई बैंक खाते के माध्यम से पीएम केयर्स फंड में 2 करोड़ रुपये का योगदान किया।

कृभको के एजीएम (जनसंपर्क और विपणन) संजय कुमार सिंह ने इस संवाददाता से फोन पर कहा कि कृभको जमीनी स्तर पर देश भर में मजदूरों और अन्य लोगों को मास्क, हैंड सैनिटाइजर, कीटाणुनाशक, साबुन और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करने में भी सक्रिय है।

कोविद-19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद के उद्देश्य से “पीएम केयर फंड” में योगदान के लिए कृभको के कदम की कई लोगों ने सराहना की है। एमडी के अनुयायियों में से एक ने लिखा, “मैं कोविद-19 के खिलाफ इस लड़ाई में समर्थन के लिए आदरणीय महोदय को सलाम करता हूँ। इस दौरान आपके मानवीय प्रयास से कई भारतीयों को मदद मिलेगी”।

एक अन्य ने लिखा, “हमारे जीवन के इस सबसे बड़े संकट से लड़ने के लिए महान मानवीय मदद”। इसी तरह, एमडी के अनुयायियों में से एक सुंदरदीप सिंह ने लिखा, “सच में सर यह बहुत अच्छा निर्णय है … बधाई”।

हालांकि, नोएडा स्थित कृभको मुख्यालय 15 अप्रैल तक पूरी तरह से बंद है लेकिन देश में फैली इसकी इकाइयों में काम चल रहा है।

इससे पहले, इफको ने पीएम केयर फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि जब राष्ट्रीय आपदाओं से लड़ने की बात आती है तो सहकारी संस्थाएं पीछे नहीं हटती।

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