इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट है कि नेशनल लॉकडाउन के कारण दूध के उत्पाद में वृद्धि हुई है। अतः जीसीएमएमएफ़ ने राजस्थान और महाराष्ट्र में निजी संयंत्रों को अपने अतिरिक्त दूध को पाउडर में बदलने के लिए कहा है।
जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा कि ये संयंत्र प्रतिदिन 15-20 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग कर सकते हैं।
डेयरी सहकारी प्रतिदिन 260 लाख लीटर दूध एकत्र करता है, जिसमें गुजरात से 210 लाख लीटर शामिल है।
जीसीएमएमएफ़ के एमडी के अनुसार, सहकारी के पास 10 संयंत्र हैं जो हर दिन 11,000 मीट्रिक टन दूध पाउडर का उत्पादन करते हैं।