सोमवार 13 अप्रैल 2020 को एनसीयूआई के सीई एन सत्यनारायण ने हेडक्वॉर्टर का दौरा किया जहां वरिष्ठ अधिकारी और अन्य आवश्यक कर्मचारी काम पर लौटे।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में सरकार ने संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों और एक तिहाई आवश्यक कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने को कहा था।
13 अप्रैल की सुबह भारतीयसहकारिता के साथ बातचीत में एनसीयूआई के सीई एन सत्यनारायण ने कहा, “मैं अपने दफ्तर जा रहा हूँ और अन्य जरूरी स्टाफ को कार्यालय में आने के लिए फोन किया है। सरकार ने अनुमति दी है कि कम स्टाफ के साथ कार्यालय खोला जा सकता है, सीई ने बताया।
बता दें कि एनसीयूआई एक सहकारी निकाय है जो एक निर्वाचित गवर्निंग काउंसिल द्वारा शासित होती है, वह केंद्रीय सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करती रही है। एनसीयूआई को खोलने का कारण काफी हद तक यही है।
हालांकि, कई सहकारी संस्थाएं घर से काम कर रही हैं। इसके अलावा अमूल भी लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। परिवहन के जुड़ी अड़चनों के बावजूद इफको और कृभको की भी उर्वरक इकाइयां चालू हैं।
इसके अलावा, ऐसे मुद्दे भी हैं जिन्हें जल्द से जल्द संबोधित किया जाना चाहिए, सीई ने वर्ष 2020-21 के लिए शीर्ष निकाय को सरकार के अनुदान का उल्लेख करते हुए कहा। एनसीयूआई को प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को चलाने के साथ-साथ फील्ड प्रोजेक्ट्स के कामकाज की देखरेख के लिए सरकार से मोटे तौर पर संस्था को 7-8 करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है।
“हमें अनुदान जारी करने के लिए प्रस्ताव बना कर सरकार के पास भेजना होगा; जब मंत्रालय खुला है, तो हम खाली नहीं बैठ सकते हैं”, सत्यनारायण ने एनसीयूआई कार्यालय के खोलने की अनिवार्यता को रेखांकित किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले वित्तीय वर्ष के 4 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान अभी भी जारी नहीं किया गया है और एनसीयूआई इस वर्ष के साथ-साथ पिछले वर्ष का भी अनुदान प्राप्त करना चाहता है।
पता चला है कि मंत्रालय ने फील्ड परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अनुदान का एक हिस्सा जारी किया, लेकिन कई कारणों से रोक लगाई, जिसमें मूल निकाय से एनसीसीटी को अलग करने के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी शामिल है।
11/14 अप्रैल की सरकारी अधिसूचना में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय लॉकडाउन के विस्तार और प्रकृति के बारे में अंतिम निर्णय लेने तक उचित सुरक्षा उपायों के साथ कुछ और गतिविधियों की अनुमति है।
आर्थिक गतिविधियों में सुधार और लोगों के हाथों में तरलता प्रदान करने के लिए ये नई गतिविधियाँ आवश्यक हैं। ये सुझाव विभिन्न राज्यों और उद्योग निकायों के साथ माननीय वाणिज्य मंत्री की एक विस्तृत बातचीत और विभिन्न स्रोतों से वाणिज्य विभाग और डीपीआईआईटी को मिली प्रतिक्रिया के आधार पर प्राप्त किए गए हैं, अधिसूचना में वर्णित है।