एक समाचार आउटलेट की खबर के मुताबिक, जीसीएमएमएफ़ (अमूल) के अध्यक्ष के हवाले से कहा कि डेयरी दिग्गज ने राज्य और केंद्र सरकार रिलीफ फंड में योगदान दिया है। 51 लाख रुपये पीएम केयर्स फंड में और 50 लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए गए हैं।
जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष रामसिंह परमार ने कहा कि अमूल के कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 12.25 लाख रुपये का योगदान दिया है।
इस बीच, जीसीएमएमएफ़ के अधिकारियों ने दावा किया है कि हाल के महीनों में दीर्घ शैल्फ-लाइफ वाले दूध उत्पादों की खपत बहुत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पनीर, घी, मक्खन और टेट्रा पैक दूध की बिक्री में 15-50% की वृद्धि देखी गई है।
अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र में दुग्ध सहकारी समिति द्वारा अस्थायी आधार पर अधिग्रहण किए गए नए संयंत्र गर्मी में दूध की आपूर्ति कम होने पर बंद कर दिए जाएंगे।