सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुये, प्रतिष्ठित सहकारी संस्था “वामनिकॉम” के निदेशक के के त्रिपाठी ने कहा कि यह सभी सहकारी वित्तीय संस्थानों/बैंकों के लिए बहुत अच्छी खबर है क्योंकि सरफेसी अधिनियम के प्रावधानों के लागू होने से इन बैंकों को किसी भी डिफॉल्टर के आवासीय या वाणिज्यिक संपत्तियों की नीलामी करने की अनुमति होगी।
अपने व्हाट्सएप संदेश में त्रिपाठी ने लिखा, “वित्तीय संस्थानों के रूप में, सहकारी संस्थाएं अब संपत्ति की नीलामी करने के अधिकारों का लाभ ले सकती हैं। सौभाग्य से, स्वामित्व के मुद्दे पर हाल ही में अदालत के एक अन्य फैसले ने पहले ही कहा है कि उधारकर्ताओं की संपत्ति पर पहला हक लेनदारों का होगा।
अब वित्तीय संस्थानों के रूप में सहकारी समितियों के पास संपत्ति की गुणवत्ता को निर्धारित करने, उपयुक्त और कई तंत्रों के माध्यम से एनपीए को सुधारने का अधिकारी मिला है। सहकारी समितियों को उधारकर्ताओं से अधिक बकाया राशि वसूलनी हैं। कई ऐसे ऋण और अग्रिम को एनपीए वर्गीकरण के तहत घटिया या संदिग्ध संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, उन्होंने लिखा।
बता दें कि, अपने फैसले में, शीर्ष अदालत ने सहकारी बैंकों को सरफेसी अधिनियम के तहत डिफॉल्ट करने वाले उधारकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी है, जिसका लाभ अब तक केवल वाणिज्यिक बैंकों द्वारा उठाया जा रहा था।