एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव ने केंद्र सरकार से सहकारी क्षेत्र के लिये विशेष राहत पैकेज का ऐलान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा सरकार ने जिस तरह छोटे उद्योगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है, ठीक उसी तरह सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक अलग आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान हो।
एनसीयूआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय से लगभग 11 मिनट के फेसबुक लाइव भाषण में, यादव ने कहा, “सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर कई आर्थिक पैकेजों की घोषणा की है। यदि सरकार ने लघु उद्योगों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की है तो उसी तर्ज पर सहकारी क्षेत्र के लिए भी एक अलग पैकेज की घोषणा की जाये”, यादव ने कहा।
“कोरोनावायरस ने अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। सहकारी क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है”, अध्यक्ष ने रेखांकित किया। इस बीच एनसीयूआई के एक अधिकारी ने कहा कि यादव ने झांसी से दिल्ली तक का सफर लॉकडाउन के दौरान ही किया है ताकि सहकारी क्षेत्र की गतिविधियों में कोई रुकावट न आये।
यादव ने आगे कहा “लॉकडाउन अवधि में, सहकारी समितियों, विशेष रूप से क्रेडिट सहकारी समितियों और मत्स्य क्षेत्र, को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सहकारी बैंकों, पैक्स के साथ- साथ राज्य विपणन सहकारी समितियों को आर्थिक मदद देने की आवश्यकता है, उन्होंने मांग की।
यादव ने सरकार को याद दिलाया कि सहकारी संस्थाओं ने पीएम केयर फंड में खुलकर योगदान दिया है। यहां तक कि विभिन्न सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने भी अपने एक दिन का वेतन निधि के लिए दान दिया है।
इसके अलावा, छोटी सहकारी समितियों ने आगे आकर समाज के जरूरतमंदों को आवश्यक वस्तुओं का किट उपलब्ध कराया है।उन्होंने मास्क, सैनिटाइज़र और अन्य सुरक्षात्मक गियर भी दान किए हैं। इन समितियों ने एक सराहनीय कार्य किया है।
अमूल, इफको, कृभको, नेफेड और अन्य शहरी सहकारी बैंकों सहित कई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा कि ये संस्थाएं जरूरतमंदों की हर संभव तरीके से मदद प्रदान करने में निरंतर लगी हुई हैं।
यादव ने सहकारी समितियों से अपने कामकाज में नई तकनीक को अपनाने का आह्वान किया। आईएलओ के अनुसार, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 25 मिलियन से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां कोरोना वायरस महामारी के कारण चली गई हैं।
सरकार ने किसानों को अपनी उपज किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और पैक्स को देने को कहा है जो सराहनीय है क्योंकि इससे किसानों के हाथ मजबूत होंगे।
इससे पहले, यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर में फैले सहकर्मियों से बात की और मौजूदा स्थिति में सभी सहकारी नेताओं से सुरक्षा उपायों को अपनाने की अपील की।