यह उपयुक्त समय है जबकि भारतीय डेयरी सहकारी समितियों अपनी छवि सुधार लें वरना कई विदेशी डेयरी दिग्गजों की चमकती और लालची आंखें भारतीय बाजार पर लगी हैं.
भारत के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 2020 के अंत तक 180-200 मिलियन टन दूध की मांग का पूर्वानुमान लगाया है.
‘द एज’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई दूध प्रोसेसर और ट्रांस टैस्मान कंपनी Fonterra पहले से ही पुरस्कार पर मजबूती से अपनी आँखें गड़ाए हुई है.
नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में भारत को ऑस्ट्रेलियाई डेयरी निर्यात में 70 फीसदी की वृद्धि हुई हैं.