नैनो फर्टिलाइजर में अनुसंधान के लिए भारत की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था- इफको ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के साथ सोमवार को आईएआरआई, पूसा, नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
आईसीएआर की ओर से, एमओयू पर आईसीएआर के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह ने और इफको की ओर से विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उपस्थित अन्य वैज्ञानिकों में आईएआरआई– पूसा के डॉ बी एस द्विवेदी और डॉ विनोद कुमार सिंह शामिल थे।
इस खबर को इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने ट्विटर पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “नैनो उर्वरकों में अनुसंधान के लिए आज एक बी/डब्ल्यू @ icarindia -IARI & #IFFCO पर हस्ताक्षर किए गए ।“
यह एमओयू उच्च-अवशोषण दर, उपयोग प्रभावकारिता और न्यूनतम नुकसान वाले पौधों के पोषक तत्वों के केंद्रित स्रोतों को विकसित करने के लिए नैनो उर्वरकों में अनुसंधान का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करने वाला है।
फील्ड परीक्षणों के लिए लॉन्च किए गए नैनो फर्टिलाइज़र्स की रेंज देश के विभिन्न हिस्सों से उत्साहजनक परिणाम दिखा रही है और इन उत्पादों को एक साथ देश भर के 11 स्थानों से लॉन्च किया गया था।
कलोल यूनिट में इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में स्वदेशी रूप से नैनो उत्पादों पर शोध किया गया है। हाल ही में, इफको ने अपनी आंवोला इकाई में एक और नैनो लैब शुरू की ।
यह कहा जा रहा है कि ये नैनो स्ट्रक्चर्ड फॉर्मूलेशन पारंपरिक नाइट्रोजन रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को 50% तक कम कर देंगे, पौधे में पोषण को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से वितरित करेंगे और किसानों को कम लागत पर उपलब्ध होंगे।