एनसीयूआई ने हाल ही में “युवाओं के लिए एक व्यापार मॉडल के रूप में सहकारिता का महत्व” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया था, जिसमें मैसूर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और डीन डॉ यशवंत डोंगरे समेत अन्य लोगों ने भाग लिया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि वेबिनार में सहकारी क्षेत्र के प्रतिनिधियों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों, युवा संगठनों और कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्य नारायण ने अपने प्रारंभिक भाषण में युवाओं के लिए सहकारी मॉडल के महत्व और विशिष्टता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा के सहकारी मॉडल को लोकप्रिय बनाने में एनसीयूआई की पहल के बारे में विस्तार से बताया।
अपनी प्रस्तुति में डॉ डोंगरे ने वर्तमान कोविड संकट में सहकारी मॉडल की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि 2007-2008 में वैश्विक मंदी के दौरान, सहकारी समितियों को सबसे स्थिर और लचीला उद्यम पाया गया था।
मलेशिया में स्कूल सहकारी समितियों, जापान में विश्वविद्यालय सहकारी समितियों और इंडोनेशिया में युवा सहकारी समितियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन की मदद से भारत में जीवंत परिसर सहकारी समितियों की स्थापना करना एक बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि भारत में सहकारी क्षेत्र में औसतन हर साल 2 लाख लोग भर्ती होते हैं। उन्होंने सहकारी उद्यमिता के विभिन्न मॉडलों और को-ऑप व्यवसाय उद्यमियों के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम करने के लिए युवाओं की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
संवादात्मक सत्र में छात्रों ने विभिन्न प्रश्न पूछे और सहकारी समितियों के बारे में अधिक जानने के लिए अपनी जिज्ञासा दिखाई।उदाहरण के लिए, कई सवालों एक सहकारी व्यवसाय उद्यम शुरू करने के तरीकों और साधनों तथा कोविड संकट के कारण बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के समाधान में सहकारी समितियों में नौकरी की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित थे।
अन्य प्रश्न कोविड के बाद की अवधि में सहकारी समितियों में युवाओं को शामिल करने की रणनीति क्या होनी चाहिए; युवाओं के कौशल विकास में सहकारी समितियों की क्या भूमिका होनी चाहिए; तथा डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से विनिर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्रों में सुधार के लिए सहकारी समितियों के आयोजन में युवाओं की भूमिका एवं एनसीयूआई की भूमिका, आदि के बारे में पूछे गए।
एनसीयूआई के उप-निदेशक (कॉप कनेक्ट) संजय वर्मा ने कार्यक्रम का समन्वय किया।