लॉकडाउन के बावजूद, इफको ई-बाज़ार ने पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा में इस वर्ष 78 प्रतिशत अधिक बिक्री करके बेहतर प्रदर्शन किया है।
इफको के एमडी डॉ. यू एस अवस्थी ने शानदार प्रदर्शन के लिए इफको बाजार टीम की सराहना करते हुए इसकी घोषणा की।
अवस्थी ने ट्वीट किया, प्रतिकूल स्थिति होने के बावजूद भी इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार और उनकी टीम द्वारा किया गया सराहनीय कार्य। कुल बिक्री पिछले वर्ष मई महीने की तुलना में इस वर्ष मई महीने में 78% अधिक हुई है। इफको ई-बाज़ार स्टोर खुल रहे हैं और सभी सेगमेंट में अच्छा विकास दिख रहा है।”
इस बीच इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने व्यवसाय में वृद्धि के बारे में बताते हुए मोदी सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि केंद्र की पहल के कारण देश में कृषि गतिविधियां कोविड-19 से अप्रभावित रहीं।
किसान अपनी उपज को हमेशा की तरह जोतने, बोने और फसल कटाई में सक्षम थे और इस तरह सामान्य रूप से उर्वरक की बिक्री अप्रभावित रही। कुमार ने कहा, “अगर आप मई के आंकड़ों पर नजर डालें तो उर्वरक की बिक्री में 33% की वृद्धि दर्ज की गई है।‘”
पूरे भारत भर में इफको बाजार की उपस्थिति इसके शानदार प्रदर्शन का एक कारण है, विपणन निदेशक ने कहा, जो लॉकडाउन के लंबे अंतराल के बाद इफको कार्यालय में जाने लगे हैं। “हम घर से ही अपने एमडी के निर्देशन में काम कर रहे थे”, कुमार ने बताया।
पिछले वर्ष की तुलना में इफको बाजार की बिक्री में वृद्धि को सही ठहराते हुए, योगेंद्र कुमार ने कहा कि इफको की क्षमता में भी हुई वृद्धि है क्योंकि इसके पास कुल एक हजार से अधिक बिक्री केंद्र हैं यानि व्यावहारिक रूप से देश के सभी राज्यों में हैं।
योगेंद्र कुमार ने आगे कहा कि बिक्री बढ़ने का एक और कारण देश में बुवाई क्षेत्रों में वृद्धि हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार बुवाई क्षेत्रों में लगभग 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है जो स्वाभाविक रूप से उर्वरकों की अधिक मांग का कारण बनती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन की अचानक घोषणा से डर का मनोविज्ञान पैदा हो गया और लोग सक्रिय रूप से आवश्यक वस्तुओं का भंडारण कर रहे थे, जो बाजार से गायब हो गए। वे कहते हैं कि राज्यों में उर्वरक की बढ़ी हुई बिक्री से घबराहट पैदा हो सकती है। योगेंद्र कुमार हालांकि इससे सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसानों को प्रोत्साहन मिलना बिक्री बढ़ने का मुख्य कारण है।