कोविड-19 संकट के दौर में किसानों की मदद करने की दिशा में, गुजरात के अनुभवी सहकारी नेता और इफको के उपाध्यक्ष दिलीपभाई संघानी ने गुजरात के अमरेली जिले के किसानों की मदद के लिए ‘रिवॉल्विंग फंड’ नाम से एक योजना शुरू की है।
इस योजना का उद्देश्य बकाया ऋणों को चुकता करना और किसानों को उच्च ब्याज के बोझ से बचाना है।
‘भारतीयसहकारिता’ से बात करते हुये संघनी ने कहा, हालांकि सरकार ने ईएमआई पर छूट दी है, लेकिन किसान समय पर अपने बकाया का भुगतान करने में विफल हैं जिसके कारण वे भारी ब्याज का भुगतान करने के लिए मजबूर हैं। किसानों की मदद करने के लिए, कई दिनों पहले मैंने अमरेली जिले के कई व्यापारियों और उद्योगपतियों से व्यक्तिगत रूप से अपील की है कि वे “कृषि और ग्रामीण विकास केंद्र” (कार्ड) में बिना कोई ब्याज के अनुदान देकर किसानों के बचाव में उतरें”।
योजना के तहत, कार्ड के माध्यम से संघानी उन किसानों की मदद कर रहे हैं, जो मौजूदा स्थिति में अपनी उपज बेचने में विफल रहे हैं, जिसके कारण वे समय पर बकाया ऋणों को भी चुका नहीं पा रहे हैं।
“मेरी अपील पर अब तक अमरेली जिले में बड़े व्यापारियों द्वारा 7 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। उदाहरण के लिए, यदि कोई किसान समय पर बकाया फसली ऋण का भुगतान करने में विफल रहा, जिसके कारण ऋण पर ब्याज बढ़ रहा है, तो किसान बैंक को अपना बकाया चुकाने के लिए बिना किसी ब्याज के पैसा कार्ड से लेगा।फिर बैंक किसान को एक नया ऋण प्रदान करेगा और बैंक से नये ऋण का चेक प्राप्त करने के बाद किसान उसी चेक को कार्ड में जमा करेगा”, एक उदाहरण देते हुए संघानी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि योजना न केवल उन्हें उच्च ब्याज का भुगतान करने से बचाने के लिए है, बल्कि उन्हें उन बड़े उधारदाताओं से पैसे उधार लेने से भी रोकती है जो अधिक ब्याज लेते हैं। योजना से कई किसानों को फायदा मिलेगा।
संघानी ने आगे कहा, यह अपनी तरह की पहली पहल है और सैकड़ों किसान जिन्होंने अमरेली जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से ऋण लिया है, वे अपना बकाया भुगतान करने में सक्षम हैं।
योजना से 3,000 से अधिक किसानों को लाभ होगा और लगभग 500 किसानों अब तक लाभ उठा चुके हैं।