हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एसीबी ने कथित धोखाधड़ी के संबंध में “श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक” और उसके अधिकारियों के कार्यालयों पर छापा मारा है।
यह दावा किया जा रहा है कि एसीबी के लोगों ने गुप्त दस्तावेजों को इकट्ठा किया है।
इससे पहले, आरबीआई ने बड़ते एनपीए के चलते सहकारी बैंक पर सभी तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे।
इस घोटाले में बैंकर्स द्वारा जमा राशि के विचलन के रूप में 1,400 करोड़ रुपये और काल्पनिक ग्राहकों को दिए गए 150 करोड़ रुपये के ऋण शामिल हैं।