ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि सहकारी समितियों के संगरूर के रजिस्ट्रार का सदस्यों को चुनाव में भाग लेने के अयोग्य घोषित करने का निर्णय सनक भरा है।
अदालत ने हाल की प्रबंध समिति की बैठक के प्रस्ताव पर रोक लगा दी, जिसके तहत पदाधिकारियों का चुनाव कराया गया और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित किये गये।
अदालत ने एक आदेश के पालन पर भी रोक लगा दी जिसके तहत सहायक रजिस्ट्रार ने कहा कि याचिकाकर्ता-सदस्य मामले में अंतिम निर्णय आने तक उक्त बैठक में भाग नहीं लेंगे।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि वे जून 2019 में सहकारी समिति के सदस्यों के रूप में निर्वाचित हुए थे और उनके चुनाव को दी गई चुनौती को उप-पंजीयक के आदेश से खारिज कर दिया गया था।