इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी की ओर से पू्र्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य सुरेश प्रभु के नेतृत्व में सुझाया गया सहकारी विकास मंच का विचार अंतिम रूप ले रहा है। उम्मीद है कि 4 जुलाई 2020 को सहकारी विकास मंच की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
इस बीच अटकलें है कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। इस संबध में एक वरिष्ठ सहकारी नेता ने पीएम को पत्र भी लिखा है।
इस मंच की अध्यक्षता सुरेश प्रभु करेंगे। इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी, एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव, नैफ़्स्कॉब के चेयरमैन दिलीप संघानी, नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष मंगल जीत राय, आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड के डायरेक्टर सतीश मराठे और नेफकॉब के चेयरमैन ज्योतिंद्र मेहता इसके सदस्य और सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष – उदय जोशी इसके सदस्य सचिव होंगे।
उदय जोशी ने इस मंच को बनाने के उद्देश्य को साझा करते हुए कहा, “हमने देखा है कि सहकारी आंदोलन के प्रति केंद्र सरकार का समग्र दृष्टिकोण बहुत उत्साहजनक नहीं है।
“हम चाहते हैं कि सरकार राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सहकारिता की भूमिका की पहचान करे और इस उद्देश्य के लिए सुरेश प्रभु से बेहतर कोई अन्य व्यक्ति नहीं हो सकता है। स्वयं एक अनुभवी सहकारी नेता, प्रभु कुछ समय पूर्व ‘सारस्वत सहकारी बैंक’ के अध्यक्ष थे। वह सहकारी भावना और इसकी संरचना – दोनों को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं”, जोशी ने कहा।
“मंच की घोषणा “अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस” पर की जाएगी। इस संबंध में हमने कई बैठकें की हैं”, जोशी ने बताया।
कहा जा रहा है कि ‘मंच’ भारत को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और भारत को आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में भी मदद करेगा।
पाठकों को याद होगा कि इस विचार को इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने पिछले महीने आयोजित “सहकार भारती वेबिनार”, जिसमें सुरेश प्रभु ने मुख्य भाषण दिया था, के दौरान सुझाया था।
“सहकारी विकास मंच बनाने” के विचार को रखते हुए अवस्थी ने कहा था, “सहकारी समितियों की भूमिका मुश्किल से पहचानी जाती है, इसलिए सरकार के समक्ष सहकारी क्षेत्र की आवाज उठाने की जरूरत है।”
शीर्ष राष्ट्रीय सहकरी निकाय ‘एनसीयूआई” के वर्तमान अध्यक्ष- चन्द्र पाल सिंह यादव भी उक्त विचार के समर्थक हैं। उक्त फोरम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए, चन्द्र पाल ने कहा, “यदि इस तरह का फोरम अंतिम रूप लेता हैं तो मैं अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हूँ।”