सरकार लगातार दावा कर रही है कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है लेकिन ग्राउंड जीरो पर स्थिति ठीक इसके विपरीत है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में उर्वरकों की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मप्र के खंडवा जिले के कालमुखी गांव से खबर है कि सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरक जैसे डीएपी, पोटाश, सुपर फास्फेट आदि आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन किसानों को यूरिया प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कलमुखी के किसानों ने कहा कि सहकारी समितियों में यूरिया लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा होते हैं, लेकिन यूरिया की कमी के कारण उनके बीच केवल कुछ ही बोरियां वितरित की जाती हैं। उनके अनुसार, निजी विक्रेताओं के पास भी यूरिया नहीं है। यही स्थिति मप्र के अन्य जिलों में भी है।
संयोग से, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का निर्वाचन क्षेत्र मप्र में ही है।