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बीआर एक्ट: तमिलनाडु के यूसीबी पहुंचे हाई कोर्ट

मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र और आरबीआई से कहा है कि वे तमिलनाडु के दो सहकारी बैंकों की याचिकाओं पर प्रति-शपथपत्र (काउंटर एफिडेविट) दाखिल करें, जिनमें बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2020 की कुछ धाराओं की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया है।

ये दो बैंक “बिग कांचीपुरम कोऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड” और “वेलूर कोऑपरेटिव अर्बन बैंक” हैं । हालांकि, अदालत ने दोनों सहकारी बैंकों को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है।

सहकारी बैंकों ने अध्यादेश के उन प्रावधानों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है जो सहकारी बैंकों के भी निगमन, विनियमन और समापन से निपटने के लिए आरबीआई को सशक्त बनाता है।

याचिका में सहकारी बैंकों ने तर्क दिया है कि विषय-वस्तु  विशेषकर राज्य विधानमंडल की क्षमता के आधीन है। मामले में अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।

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