आंध्र प्रदेश स्थित विशाखापत्तनम सहकारी बैंक का कुल कारोबार 6,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा।
बैंक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक बैंक का कुल डिपॉजिट वित्त वर्ष 2019-2020 में 3680 करोड़ रुपये और ऋण और अग्रिम 2368 करोड़ रुपये हो गया हैं। बैंक की सदस्य संख्या 88185 है।
यह एक मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव बैंक है जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों में अपनी 50 शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कर रहा है और बैंकिंग उद्योग पर लागू विभिन्न मापदंडों के आधार पर पूरे देश में सभी शहरी सहकारी बैंकों के बीच इसका 18वां स्थान है।
वर्ष 2016 में बैंक ने अपने अस्तित्व के 100 साल पूरे किये थे। बैंक की स्थापना वर्ष 1916 में हुई थी और कई कठिनाइयों के बावजूद 1983 से लगातार विकास कर रहा है।
बैंक का कारोबार तब से ही बढ़ने लगा था, जब से यह दिग्गज नेता और पूर्व विधायक मनम अंजनेयुलु के नेतृत्व में आया, जिसके बाद से उन्होंने बैंक के अध्यक्ष के रूप में 30 से अधिक वर्षों तक निर्बाध रूप से सेवा की।
वर्तमान अध्यक्ष चलसानी राघवेंद्र राव के नेतृत्व में बैंक के विकास और लाभप्रदता की परंपरा जारी है। राव के प्रेरणाश्रोत अनुभवी मानम अंजनेयुलु हैं, जो एक मार्गदर्शक बने हुए हैं।
बैंक के अध्यक्ष राघवेंद्र राव ने बोर्ड के सदस्यों, सामान्य सदस्यों, जमाकर्ताओं, उधारकर्ताओं, शुभचिंतकों और सभी संरक्षकों के समर्थन और सहयोग के लिए खुशी और आभार व्यक्त किया है।
बैंकिंग उद्योग के संकट के दिनों में, विशेष रूप से जब देश में प्रेस सहकारी बैंकों के खिलाफ रहा है और निराधार और झूठे प्रचार कर रहा था, यह प्रत्येक के लिए बहुत संतोष की बात है कि विशाखापत्तनम सहकारी बैंक विकास के क्षेत्र में नवीन रणनीतियों को अपना कर अपनी राह को उज्ज्वल बना रहा है। अध्यक्ष ने इसे सहकारी आंदोलन के लिए एक नई शुरुआत करार दिया है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि बैंक आने वाले दिनों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके संरक्षकों की बेहतर तरीके से सेवा करता रहेगा। इस शानदार उपलब्धि को हासिल करने में बैंक ने अपने शुभचिंतकों का धन्यवाद किया।