कृषि से जुड़े स्टार्ट–अप्स को उच्च प्राथमिकता देते हुए, पहले चरण में कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य वर्धन के क्षेत्र में 112 स्टार्ट–अप्स को 1,185.90 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी, जो किसानों की आय बढ़ाने में योगदान देंगे। यह फंड किश्तों में जारी किया जाएगा। यह बात केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कही।
तोमर ने कहा कि पूर्व में, कृषि अनुसंधान, विस्तार और भारत में शिक्षा की प्रगति की समीक्षा करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्ट–अप्स और कृषि-उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
पीएम ने यह भी निर्देश दिया कि चिन्हित समस्याओं को सुलझाने और कलपुर्जों एवं उपकरणों के लिए डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए हैकाथॉन का आयोजन साल में दो बार किया जा सकता है जिससे खेती-बाड़ी में कठिन परिश्रम को कम किया जा सकता है।
कृषि आधारित गतिविधियों के लिए सहायता को महत्वपूर्ण बताते हुए, तोमर ने कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने पर जोर दिया। तोमर ने मूल्य संवर्धन और स्टार्ट-अप की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया। उनकी दृष्टि युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने और इस क्षेत्र का कायाकल्प करने की है।
कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की इन पहलों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) को फिर से शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करना है, उन्होंने कहा।
योजना के तहत नवाचार व कृषि–उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘इनोवेशन एंड एग्री–एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट’ कार्यक्रम को जोड़ा गया है। इसके तहत ज्यादा स्टार्ट–अप को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी सिलसिले में मंत्रालय ने उत्कृष्टता केंद्र के रूप में 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई–रफ्तार एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स (आरएबीआई) देशभर से चुने हैं।
विभिन्न नॉलेज पार्टनर्स और एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटरों द्वारा चुने गए 112 स्टार्ट-अप को पूरे भारत में फैले 29 एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किया गया। “ये स्टार्ट-अप युवाओं को रोजगार देने में सहयोग देंगे। इसके अलावा, वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को अवसर प्रदान कर उनकी आय बढ़ाने में योगदान देंगे”, मंत्री ने महसूस किया।