उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने संयुक्त रूप से पहले चरण में राज्य में 244 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) को आइडेंटिफाई किया है। इन पैक्सों को बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए नाबार्ड की रियायती पुनर्वित्त और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत ब्याज में छूट सहित ऋण प्रदान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के स्टेट को-ऑप बैंक के सीईओ भूपेंद्र विश्नोई ने “भारतीयसहकारिता” को बताया, “हमने पहले चरण में 244 पैक्सों को चिन्हित किया है। चूंकि राज्य में 7479 पैक्स हैं और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में 2,500 समितियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
उन्होंने कहा, “हम कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) और नाबार्ड की “विशेष पुनर्वित्त सुविधा के तहत पैक्स को मल्टी सर्विस सेंटर के रूप में रूपान्तरण” के लिये 244 पैक्सों को सैद्धांतिक रूप से मंजूर राशि सौंपेंगे”।
विश्नोई ने आगे कहा, “नाबार्ड ने लखनऊ में रविवार को राज्य के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा की मौजूदगी में एआईएफ के शुभारंभ के अवसर पर पैक्स को बहु सेवा केंद्रों में बदलने के लिए निधि प्रदान करने का स्वीकृति-पत्र भी दिया है। अब चयनित पैक्स अपने संबंधित डीसीसीबी को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भेजेंगे। डीपीआर का विश्लेषण करने के बाद ही हम उन्हे फंड देंगे”।
एआईएफ एक समर्पित वित्त सुविधा है, जो 10 वर्षों तक चलेगी जिसके तहत बैंक और वित्तीय संस्थान 3% प्रति वर्ष के ब्याज-छूट के साथ ऋण देंगे। इस फंड का उपयोग कटाई के बाद की सुविधाओं तथा सामुदायिक खेती की परिसंपत्तियों को बढ़ाने और किसान उत्पादक संगठनों की मदद करने के लिए किया जाएगा। इस सुविधा के तहत कृषि-उद्यमियों को भी वित्तीय सहायता दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा का शुभारंभ किया और उन्होंने पैक्स के कुछ सदस्यों के साथ बातचीत भी की।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बोलते हुए , मोदी ने कहा कि देश के पास भंडारण, कोल्ड-चेन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कटाई के बाद के प्रबंधन समाधानों में निवेश करने और जैविक और फोर्टिफाइड फूड जैसे क्षेत्रों में वैश्विक उपस्थिति बनाने का एक बड़ा अवसर है।