वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित दो दिवसीय ‘चतुर्थ भारतीय कृषि दृष्टिकोण फोरम‘ का उद्घाटन पिछले सप्ताह गुरुवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने किया।
इस फोरम में केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थानों, मुख्य अर्थशास्त्री यूएसडीए, विदेशी दूतावासों के शिष्टमंडलों, एफएओ, ईयू एवं ओईसीडी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों, आईसीएआर के वैज्ञानिकों, कृषि उद्योगों के प्रतिनिधि, व्यवसाय एवं किसान संगठनों के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से भाग लिया।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने अपने संबोधन में प्रत्येक किसान, प्रत्येक हितधारक एवं केंद्रीय तथा राज्य सरकारों को भी कृषि क्षेत्र के प्रति उनकी सराहनीय प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी जिसने 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
हाल के सुधारों एवं नीतिगत उपायों पर, उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य कृषि अवसंरचना, सूक्ष्म खाद्य उद्यमों, मत्स्य एवं पशु पालन क्षेत्रों के लिए मूल्य श्रृंखलाओं एवं लॉजिस्टिक्स, चिकित्सकीय एवं हर्बल पौधों, मधुमक्खी पालन के सृजन एवं विकास के जरिये कृषि, बागवानी एवं संबद्ध क्षेत्रों में सभी कार्यकलापों तथा सेवाओं को सुदृढ़ बनाना है।
उन्होंने भरोसा जताया कि फोरम के विचार-विमर्शों से प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता बरकरार रखते हुए वैश्विक विकास मुद्दों एवं कृषि को किसानों के कल्याण एवं समृद्धि में रूपांतरित करने के उद्देश्य पर अधिक स्पष्टता आएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने पिछले कुछ महीनों के दौरान आरंभ किए गए प्रमुख कृषि सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को उद्यमियों के रूप में रूपांतरित करने के लिए सरकार की गंभीरता की चर्चा की।
उन्होंने किसानों को उद्यमियों के रूप में रूपांतरित करने के लिए सरकार की गंभीरता की चर्चा की। 2020 के लिए दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए, उन्होंने रिकार्ड बुवाई स्तर और दलहनों तथा तिलहनों पर फोकस के साथ वर्तमान कृषि वर्ष के लिए कृषि क्षेत्र हेतु शानदार संभावना जताई।
अग्रवाल ने कृषि में लंबे समय से आ रहे विरासत मुद्दों तथा विशेष रूप से कृषि अवसंरचना और खाद्य आपूर्ति प्रबंधन तथा किसानों द्वारा मूल्य प्राप्ति पर उनके प्रभाव सहित कृषि ऊपज के विपणन पहलू पर भी चर्चा की।
फोरम के दौरान चर्चा के लिए मुख्य विषय हैं: महामारी द्वारा उत्पन्न वर्तमान राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कृषि आर्थिक स्थिति और जिस प्रकार भारत और विश्व ने प्रतिकूल प्रभावों को न्यूनतम बनाते हुए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को गतिमान रखने के लिए संघर्ष किया, कृषि क्षेत्र से संबंधित क्रांतिकारी पहलें, टिकाऊ एवं समावेशी कृषि विकास पर वैश्विक प्रतिबद्धताओं के साथ भारतीय कृषि का अंतःसंयोजन, कृषि-तकनीक संभावना का दोहन, सरकारी खरीद एजेन्सियों की मूल्य संरचना को विवेकपूर्ण बनाने के लिए नए माध्यमों की खोज करना तथा रोजगार अवसरों के लिए क्षमता निर्माण।