केंद्रीय कृषि मंत्रालय और मत्स्य पालन मंत्रालय के सहयोग से सीआईआई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “मत्स्य पालन क्षेत्र की स्थिरता, प्रौद्योगिकी नेतृत्व और जिम्मेदार विकास” विषय पर सोमवार को एक सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा फिशकोफेड के एमडी बी के मिश्र ने भी भाग लिया।
इस मौके पर मिश्र ने भारत में मत्स्य सहकारी समितियों के वर्तमान परिदृश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 3.3 मिलियन से अधिक लोग देश में 22000 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य हैं। हमने दो वर्षों में 500 एफएफपीओ खोलने की योजना बनाई है और देश-भर में बड़े पैमाने पर जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे।
“इसके अलावा, डेयरी सहकारी समितियों के अनुरूप मत्स्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाकर विस्तार कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिशकोफेड के पास क्षमता है, अगर देश में मत्स्य पालन सहकारी समितियों को मजबूत करने के लिए पीएमएमएसवाई के तहत पर्याप्त वित्तीय सहायता दी जाती है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मत्स्य विभाग के अंतर्गत फिशकोफेड राष्ट्रीय स्तर का एकमात्र सहकारी संघ है, जिसके पास लगभग 22000 पीएफसीएस का विशाल नेटवर्क है, जिसके 3.3 मिलियन सदस्य हैं। फिशकोफेड की असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली सहित कई राज्यों में खुदरा दुकानें हैं और संबंधित राज्य सरकार के समर्थन के साथ एक्वा शॉप्स हैं।
उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न राज्यों में फिशकोफेड के 9 कार्यालय हैं। मिश्र ने बताया कि यह 30 लाख मछुआरों को कवर कर रहा है और 10 साल में 10 मिलियन मछुआरों को कवर करने की महत्वाकांक्षी योजना है।
बता दें कि सम्मेलन का उद्घाटन मत्स्य एवं पशुपालन मंत्रालय के आधीन मत्स्य विभाग के सचिव राजीव रंजन ने किया, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने मत्स्य क्षेत्र की संभावनाओं पर जोर दिया और उन्होंने सभी हितधारकों द्वारा मत्स्य क्षेत्र को अत्यधिक अपेक्षित बढ़ावा देने के लिए प्रयासों के अभिसरण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
सम्मेलन के दौरान पैनल चर्चा में “प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” सहित क्षेत्र के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं – मत्स्य पालन क्षेत्र में सरकारी सहायता, 2025 तक भारतीय मत्स्य निर्यात और घरेलू उद्योग को दोगुना करना और सुरक्षित और स्थायी मत्स्य प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार पर विचार-विमर्श किया गया।