एनसीयूआई की शिक्षा विंग “राष्ट्रीय सहकारी शिक्षा केंद्र (एनसीसीई) ने ‘सेवा’ की महिला कर्मचारियों के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने और रोजगार और आय बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए महिलाओं में उद्यमशीलता कौशल पैदा करना था। भारत में महिलाओं की आबादी 50% है और वे मेहनती हैं, लेकिन ज्ञान और उचित मार्गदर्शन की कमी के कारण महिलाओं की आय पुरुषों की तुलना में कम है।
इसलिए, एनसीयूआई सहकारी आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में छोटी उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए जागरूकता और योग्यता पैदा करने के लिए महिला सहकारी संचालकों के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार से आय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम में देश भर के कई राज्यों, यानी गुजरात, एमपी और दिल्ली के 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान उत्पादन इकाइयों में माइक्रो एंटरप्राइज प्रोफेशनल मैनेजमेंट की योजना, रिकॉर्ड कीपिंग और फाइनेंस मैनेजमेंट, कठिनाइयाँ और समस्याएं और उन्हें दूर करने के लिए समाधान जैसे विषय पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। प्रतिभागियों के व्यावहारिक अनुभव के लिए कुछ लघु फिल्में भी दिखायी गयीं।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. वी के दुबे, ईडी (एनसीसीई) ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांत उद्यम स्थापित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। महिलाएं स्वरोजगार के लिए अपने गांवों में कृषि आधारित लघु उद्यम शुरू कर सकती हैं।
बता दें कि गुजरात स्थित “सेवा” संस्था पहले से ही महिलाओं के रोजगार के लिए काम कर रही है। ‘सेवा’ के प्रतिनिधि ने बताया कि महिला उद्यमियों के लिए ऐसे कई और कार्यक्रमों की आवश्यकता है। श्रीमती संध्या कपूर, निदेशक (एनसीसीई) ने इस कार्यक्रम का समन्वयन किया।