एक सहकारी समिति अपने अध्यक्ष के कार्यकाल का विस्तार करने के लिए अपनी bylaws में संशोधन कर सकती है, बंबई उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया.
कोर्ट ने कहा कि “इस तरह के संशोधन महाराष्ट्र सहकारी सोसायटी अधिनियम के उपबंधों के विपरीत नहीं कहा सकता है”, और न ही यह सहकारी आंदोलन के विपरीत होना कहा जा सकता है.”
मामला नासिक जिला केंद्रीय को-ऑप बैंक लिमिटेड से संबंधित है. सामान्य निकाय ने अध्यक्ष का कार्यकाल 12 महीने से 30 महीने के लिए बढ़ाया था.
अदालत ने फैसला सुनाया कि अध्यक्ष का कार्यकाल एक विषय है जो समिति के सामान्य निकाय के अधीन है. ऐसा कभी नहीं कहा जा सकता कि यह अधिनियम और सहकारी आंदोलन के विपरीत है और इससे सांविधिक उपबंधों का उल्लंघन में होता है.
एकल न्यायाधीश के आदेश को उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया.