एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने पिछले सप्ताह नोएडा में नवनिर्मित कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ न केवल भारतीयों बल्कि विदेशी प्रतिभागियों के लिए भी सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन होगा, एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह ने बताया।
चंद्रपाल ने आगे कहा कि दिल्ली स्थित एनसीयूआई कार्यालय में प्रशिक्षण केंद्र का क्षेत्र बहुत छोटा है लेकिन यहाँ इस केंद्र में हम सहकारी प्रशिक्षण में कई बैच और विभिन्न डिप्लोमा कोर्स संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन के सफल होने और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है और मुझे यकीन है कि यह केंद्र देश में सहकारी आंदोलन का केंद्र-बिंदु बनेगा।
“हालांकि इस बार मैं एनसीयूआई का अध्यक्ष नहीं रहूँगा, लेकिन इसे विश्वस्तरीय केंद्र बनाने में मैं सीई और अन्य लोगों की मदद करने का वादा करता हूँ”, चंद्र पाल ने भावनात्मक रूप से कहा। सिंह ने कहा, “पीउन से लेकर ड्राइवर और मुख्य कार्यकारी तक सभी ने पिछले 10 वर्षों तक मुझे समर्थन दिया जिसके बल पर मैंने शीर्ष निकाय का नेतृत्व किया। आप सभी का धन्यवाद”। बता दें कि चंद्र पाल 23 नवंबर को अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इस मौके पर कई सहकारी नेता मौजूद थे। जीएच अमीन और एन सत्यनारायण पूजा करने के लिए चंद्र पाल के साथ बैठे थे, जबकि बिजेन्द्र सिंह, एसएन शर्मा, नेफेड के एमडी संजीव चड्ढा, विशाल सिंह सहित अन्य लोगों ने मंच से पूरे कार्यक्रम को देखा।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी ने संक्षेप में केंद्र के उद्देश्य के बारे में बताया। जीएच अमीन ने इस केंद्र के निर्माण की अध्यक्षता की और कहा कि चीन में एक प्रशिक्षण केंद्र को देखने के बाद वह बहुत प्रभावित हुए थे। संस्था के उपाध्यक्ष डॉ बिजेंद्र सिंह ने याद करते हुए कहा कि पिछले 2-3 वर्षों से हर जीसी बैठक में व्यावहारिक रूप से इसके निर्माण के मुद्दे पर बहस होती थी। उन्होंने इसके निर्माण को पूरा करने में दिखाई गयी तेजी के लिए टीम का धन्यवाद किया।
अपनी समझदारी के लिए विख्यात बिजेन्द्र ने कहा कि अमीन ने कई इमारतों का उद्घाटन किया हैं लेकिन चंद्र पाल को पहले ऐसा कोई अवसर नहीं मिला था। वह लोगों की मौन प्रतिक्रिया का जवाब दे रहे थे कि केंद्र के उद्घाटन में अनावश्यक जल्दबाजी दिखायी गयी जबकि इमारत अभी पूरी तरह तैयार भी नहीं हुई है।
पाठकों को याद होगा कि 2006 में, नोएडा प्राधिकरण ने एनसीयूआई को 90 साल की अवधि के लिए लीजहोल्ड आधार पर प्रिंटिंग प्रेस बनाने के उद्देश्य से बी-81, सेक्टर 80, नोएडा में 3000 वर्गमीटर क्षेत्र का एक औद्योगिक भूखंड आवंटित किया था।
नोएडा प्राधिकरण के नियमानुसार, एनसीयूआई द्वारा नियत समय में कोई गतिविधि शुरू नहीं करने के कारण जमीन हाथ से लगभग निकल गई थी। बाद में, एनसीयूआइ अध्यक्ष और सीई के हस्तक्षेप से समय विस्तार शुल्क के रूप में जुर्माना देकर इसे बचाया गया।
इस नवनिर्मित बिल्डिंग में कौशल विकास केंद्र के अलावा, प्रिंटिंग प्रेस, एक विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-कक्ष, छात्रावास समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी।