भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के शासी परिषद की पिछली बैठक तूफानी साबित हुई क्योंकि सदस्यों ने बहुत से मुद्दे उठाए. पाठकों को याद होगा कि यह बैठक NCCT घोटाले के साये में हुई. इस घोटाले से NCUI और कृषि मंत्रालय के बीच विवाद पैदा हो गया था.
सूत्रों के मुताबिक, NCUI को मंत्रालय से पत्र मिला है जिसमें मंत्रालय ने अध्यक्ष की शक्ति में कटौती करने के लिए कहा है. एक के बाद एक कई सदस्योंने इसे सहकारी भावना की स्वायत्तता में हस्तक्षेप के रूप में माना.
कुछ सदस्यों ने वास्तव में अन्यथा प्रतिक्रिया व्यक्त की और मांग की कि एक राय बनाने के पूर्व पत्र को शासी परिषद के समक्ष रखा जाना चाहिए. Indiancooperative.com से बातचीत के दौरान बोर्ड के एक सदस्य मुदित वर्मा ने कहा कि हमने चन्द्र पाल सिंह यादव की जीत में मदद की, लेकिन इन बातों को मौखिक रूप से नहीं किया जा सकता है. “केवल पत्र को प्रस्तुत किये जाने के बाद ही ठीक तरह से मैं प्रतिक्रिया करने में सक्षम हो पाउंगा” श्री वर्मा ने कहा.