राजकोट नागरिक सहकारी बैंक ने हाल ही में अपनी 67 वीं एजीएम का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बैंक के अध्यक्ष नलिनभाई वासा ने बैठक को संबोधित किया और बैंक के सीईओ विनोद शर्मा ने बैंक की वित्तीय रिपोर्ट शेयरधारकों के सामने प्रस्तुत की।
पाठकों को याद होगा कि कुछ दिन पहले गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रूपानी ने “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” (एजीएसवाई) के कार्यान्वयन में सराहनीय कार्य करने के लिए बैंक की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी।
इस मौके पर बैंक के अध्यक्ष ने बताया कि बैंक ने 38,600 लोगों को 522 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। इसके अलावा, बैंक ने अपने कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया है और कर्मचारियों की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय मदद भी की है।
बैंक ने अपने कर्मचारियों के बीमा पर काफी राशि खर्च किया है। बैंक ने कई नई योजनाओं की भी शुरुआत की है, जिससे न केवल बैंक के कर्मचारियों को बल्कि सामान्य रूप से लोगों को भी लाभ हुआ है, अध्यक्ष ने कहा।
इस अवसर पर दस प्रस्ताव पेश किए गए जिसे सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैंक के सीईओ विनोद शर्मा ने 2019-20 वित्तीय वर्ष पर एक पावर-पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि बैंक के पास 4,702 करोड़ की पूंजी है, क्रेडिट 2,592 करोड़ रुपये, निवेश 1593 करोड़ रुपये, स्वामित्व फंड 612.91 करोड़ रुपये और सदस्य 2,84,979 हैं। बैंक का सीडी अनुपात 55.13% है, बैंक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
बैंक ने पीएम केयर फंड में 51 लाख रुपये, मुख्मंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये और सेवाभारती गुजरात में 1.5 लाख रुपये का योगदान दिया था।
डॉ संजीव ओझा (राजकोट जोन निदेशक – राष्ट्रीय सेवक संघ, पूर्व कुलपति – गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय), जीवनभाई पटेल (उपाध्यक्ष) और ज्योतिंद्रभाई मेहता (पूर्व अध्यक्ष) समेत अन्य लोग इस अवसर पर मौजूद थे।
अन्य लोगों में सी.ए. कल्पबाई मनियार (पूर्व चेयरमैन), तपुभाई लिंबासिया (भूतपूर्व उपाध्यक्ष), दयाभाईडेलवाला (भूतपूर्व उपाध्यक्ष), अर्जुनभाई शिंगला, हरिभाई डांडिया, सीए गिरीशभाई देवलिया, शैलेशभाई ठाकर, जिम्मीभाई दक्किनी, दीपकभाई मकवाना, हंसराजभाई गजेरा, राजश्रीबेनजानी, कार्तिकेयभाई पारेख, प्रदीपभाई जैन, कीर्तिदाबेन जादव, बावनजीभाई मेटालिया भी इस मौके पर उपस्थित थे।
रजनीकांत रायचुरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जीवाभाई पटेल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।