केंद्रीय रजिस्ट्रार ने हाल ही में राजस्थान स्थित संकटग्रस्त आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में नियुक्त लिक्वीडेटर के कार्यकाल में विस्तार किया है। संस्था से जुड़े लाखों निवेशक अभी भी अपनी गाढ़ी कमाई को वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
गौरतलब है कि सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार ने 29 नवंबर 2019 को एचएस पटेल को सोसाइटी में लिक्वीडेटर के रूप में नियुक्त किया था और अब 29 नवंबर 2020 से एक वर्ष की अवधि के लिए उनको एक्सटेंशन दिया है।
केंद्रीय रजिस्ट्रार के कार्यालय से जारी एक आदेश के मुताबिक, “गुजरात के अहमदाबाद स्थित आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के परिसमापन कार्य को पूरा करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी और इसके लिए परिसमापक की अवधि को 29 नवंबर, 2020 से बारह महीनों की अवधि के लिए बढ़ाया जा रहा है”।
“अतः, विभाग के दिनांक 29.11.2019 के आदेश के क्रम में, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के परिसमापक का कार्यकाल 28 नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। परिसमापक से अनुरोध है कि वह परिसमापन कार्य को विहित अवधि में पूरा करें। यह आदेश सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार के अनुमोदन से जारी किया गया है”, आदेश में लिखित है।
इस बीच सोशल मीडिया पर असहाय निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने और उनके पैसे वापस दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई है।
इससे पहले, “भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए, एचएस पटेल ने कहा कि कई जांच एजेंसियों द्वारा सोसायटी का खाता फ्रीज और संपत्तियों को अटैच किए जाने की वजह से निवेशकों के साथ न्याय करने में वह विफल हैं।
राजस्थान के सिरोही में शुरु, आदर्श क्रेडिट ने हरियाणा और गुजरात में शाखाओं का विस्तार किया और अहमदाबाद में मुख्यालय बनाया। सत्तर प्रतिशत से अधिक निवेशक राजस्थान के हैं।
आदर्श क्रेडिट के अध्यक्ष मुकेश और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर पोंजी स्कीम चलाने और कई फर्जी कंपनियों को चलाने का आरोप है, जिसमें से उन्होंने 8400 करोड़ रुपये डायवर्ट करें। आदर्श क्रेडिट सोसाइटी में 8 वर्षों में 20 लाख लोगों ने 14,682 करोड़ रुपये का निवेश किया है।