उत्तराखंड जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने ऋण वसूली अभियान के तहत 112 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह जानकारी राज्य के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की।
उत्तराखंड सहकारिता विभाग की ओर से फेसबुक पर जारी एक वीडियो मैसेज में सहकारिता मंत्री ने कहा, “हमारा राज्य देश का पहला राज्य है, जहाँ बड़े पैमाने पर एनपीए वसूलने का अभियान चला और इसके तहत अभी तक हमने 112 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है। केंद्रीय वित्तमंत्री व नाबार्ड ने इस अभियान के लिए विशेष रूप से मुझे बधाई दी है।”
“हम उन उधारकर्ताओं से एनपीए की वसूली कर रहे हैं, जिनका कारोबार 50 लाख रुपये से अधिक है। राज्य भर में फैले दस डीसीसीबी लाभ में हैं और हमारा एनपीए स्तर 10 प्रतिशत तक गिर गया है। हमें उम्मीद है कि इस अभियान के तहत हम चालू वित्त वर्ष के अंत तक 250 करोड़ रुपये की वसूली कर लेंगे। इसके बाद एनपीए की दर घटकर पांच प्रतिशत रह जाएगी”, उन्होंने कहा।
इस बीच जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी ऋण वसूली अभियान के तहत गांव-गांव जाकर लोगों से ऋण चुकाने का अनुरोध कर रहे हैं। “भारतीयसहकारिता” ने भी एनपीए वसूली अभियान से संबंधित कई समाचार प्रकाशित किए हैं, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे कर्मचारी ट्रॉली के माध्यम से गांवों में पहुँच कर ऋण की वसूली कर रहे हैं।
इसके अलावा सहकारिता मंत्री भी जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं और नियमित रूप से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें करते रहते हैं। इससे पहले, सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार (आरसीएस) बीएम मिश्र ने डीसीसीबी के सचिवों और महाप्रबंधकों की एक बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्रीमती ईरा उप्रेती भी शामिल हुई थीं।
“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए आरसीएस ने कहा, “राज्य सहकारी बैंक की कुल बकाया एनपीए राशि 186.03 करोड़ है और वसूली गई राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक है। राज्य में 10 डीसीसीबी हैं और उनका कुल एनपीए 665.36 करोड़ रुपये के बराबर है। बैंक कर्जदारों के खिलाफ सरफेसी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई कर रहे हैं”।
सहकारिता विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एससीबी और डीसीसीबी के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं और एनपीए वसूली के काम में तेजी लाने के निर्देश दे रहे हैं।