उत्तराखंड के लगभग सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने न केवल लाभ कमाया है बल्कि बैड लोन की वसूली में भी वित्त वर्ष 2020-21 में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है, जब राज्य सरकार और सहकारी संस्थाएं मिलकर काम करती हैं तब परिणाम काफी उत्साहजनक होते हैं।
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के नेतृत्व में एनपीए वसूली अभियान का शुभारंभ किया गया था और इस अभियान के तहत को-ऑप बैंकों ने बड़े पैमाने पर बैड लोन की वसूली की है। राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने संयुक्त रूप से 2020-21 वित्तीय वर्ष में 60 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में डीसीसीबी बैंक के एक अध्यक्ष ने कहा कि कई को-ऑप बैंक बढ़ते एनपीए की समस्या से जूझ रहे थे लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा कुछ बैंक घाटे में थें लेकिन अब सभी लाभ में आ गए हैं।
सबसे अधिक लाभ कमाने में सूची में उधम सिंह नगर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक पहले स्थान पर है, जिसने 7.05 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जबकि टिहरी-गढ़वाल डीसीसीबी दूसरे स्थान पर है, जिसने 6.54 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
वित्त वर्ष 2020-21 में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, हल्द्वानी ने 13.23 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
देहरादून डीसीसीबी ने 5.47 करोड़ रुपये, कोटद्वार-गढ़वाल डीसीसीबी ने 2.15 करोड़ रुपये, चमोली डीसीसीबी ने 4.48 करोड़ रुपये, उत्तरकाशी डीसीसीबी ने 4.61 करोड़ रुपये, हरिद्वार डीसीसीबी ने 2.16 करोड़ रुपये, नैनीताल डीसीसीबी ने 5.86 करोड़ रुपये, पिथौरागढ़ डीसीसीबी ने 5.36 करोड़ रुपये, अल्मोड़ा डीसीसीबी ने 3.98 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए कई बैंकों के अध्यक्ष ने सहकारिता मंत्री और राज्य सरकार के प्रयासों का धन्यवाद किया। सरकार की पहल की वजह से सहकारी बैंकों को सीधा लाभ मिला है। एनपीए वसूली अभियान के तहत बैंकों ने लगभग 150 करोड़ रुपये की वसूली की है।
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, “लगातार समीक्षा बैठको के उपरांत और कड़े फैसले लेने के बाद यह एनपीए वसूली हो पाई। पिछले साल 665 करोड रुपए एनपीए था जो अब 31- 3- 21 को घटकर मात्र 530 करोड रुपए रह गया है। राज्य सहकारी बैंक का पिछले वर्ष 9% एनपीए था। जो इस साल घट कर 4.90% रह गया है।”
“प्रदेश में जिला सहकारी बैंकों पर प्रकाश डालें तो टिहरी गढ़वाल जिला सहकारी बैंक लिमिटेड ने की पहले नम्बर पर सबसे अधिक 27 करोड़ 3 लाख एनपीए वसूलने और प्रदेश में तीसरे नंबर पर लाभ कमाने का रिकॉर्ड है”, उन्होंने कहा।