रिज़र्व बैंक ने 4 दिसंबर 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में जारी किए गए ‘विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य‘ में घोषणा की थी कि पर्यवेक्षित संस्थाओं (एसई) की वित्तीय रिपोर्टिंग की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए, वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के सांविधिक लेखापरीक्षकों की नियुक्ति के लिए सुसंगत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
तदनुसार, वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), यूसीबी और एनबीएफसी (एचएफ़सी सहित) के सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों (एससीए) / सांविधिक लेखा परीक्षकों (एसएएस) की नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश आज जारी किए गए हैं।
ये दिशानिर्देश लेखापरीक्षकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए एससीए/ एसए की नियुक्ति, लेखा परीक्षकों की संख्या, उनकी पात्रता मानदंड, कार्यकाल और रोटेशन आदि के लिए आवश्यक अनुदेश प्रदान करते हैं। ये दिशानिर्देश वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद से लागू होंगे।
हालांकि, यूसीबी और एनबीएफसी को वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही से इन दिशानिर्देशों को अपनाने की सुविधा होगी, ताकि कोई व्यवधान न हो।
जारी किए जा रहे संशोधित दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि सांविधिक लेखा परीक्षकों की नियुक्ति समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी तरीके से की जाए। इससे पूर्वोक्त संस्थाओं द्वारा वित्तीय रिपोर्टिंग की गुणवत्ता में सुधार करने और लेखापरीक्षा गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।