कोराना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच 21 मई को होने वाले असम स्टेट कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक (एसीएबी) के चुनाव पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा कि 2800 से अधिक योग्य मतदाताओं के लिए वर्तमान स्थिति के मद्देनजर पूरी तरह से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाना संभव नहीं है।
हालांकि चुनाव के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा भी चुनावी मैदान में हैं।
यह भी पता चला कि असम के एक विधायक रामेंद्र नारायण कलिता का नामांकन-पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि 28 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिनमें से 10 जांच के दौरान रद्द कर दिया गए थे, जिसमें गुवाहाटी पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रामेंद्र नारायण कलिता का भी नाम है, जिनका नामांकन वार्षिक आम बैठक में शामिल नहीं होने के आधार पर रद्द कर दिया गया। कुछ नामांकन पत्र बकाया राशि के कारण रद्द कर दिए गए।
अंतिम सूची के अनुसार, उम्मीदवारों को आठ श्रेणियों में चुना जाना है, जिसमें व्यक्तिगत श्रेणी (अनारक्षित) से तीन उम्मीदवार चुने जाने हैं जबकि पांच खड़े हैं। दिलचस्प बात यह है कि असम के मुख्यमंत्री इसी श्रेणी से चुनाव लड़ रहे हैं। व्यक्तिगत (महिला), जीपीएसएस (आरक्षित), अन्य कॉप (अनारक्षित) से एक उम्मीदवार और जीपीएसएस (अनारक्षित) से दो उम्मीदवार चुने जाने हैं।
बोर्ड में 11 निदेशक होते हैं, जिनमें से तीन निर्विरोध चुने गए हैं और हाई-प्रोफाइल सहकारी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित 8 सीटों के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में हैं।
अध्यक्ष प्रभारी और उपाध्यक्ष बिस्वजीत फुकन (एमएलए), असम राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष किरण काकाती और बनश्री गोस्वामी निर्विरोध चुने गए हैं।
घोषित कार्यक्रम के अनुसार मतदान 21 मई को होना है और मतगणना 23 मई को होगी। परिणाम उसी दिन घोषित किए जाने हैं लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि कोविड -19 के कारण सरकार कुछ महीनों के लिए मतदान स्थगित कर सकती है और मौजूदा बोर्ड को आगे की कार्रवाई की अनुमति दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि बैंक के वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल 26 मई 2021 को समाप्त हो रहा है और मौजूदा सहकारी अधिनियमों के अनुसार बैंक को चुनाव प्रक्रिया शुरू कर उससे पहले एक नए बोर्ड का चुनाव करना है।
असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड की स्थापना 1948 में हुई थी। बैंक की 67 शाखाओं और 6 आंचलिक कार्यालयों का एक विस्तृत नेटवर्क है, जो पूरे राज्य में फैला हुआ है।