नेपाल के राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीएफ) ने हाल ही में एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय को-ऑपरेटिव एलाएन्स (आईसीए) के अध्यक्ष एरियल ग्वारको ने भी भाग लिया। बैठक में सहकारी क्षेत्र पर कोविड-19 महामारी के व्यापक प्रभाव पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर नेपाल में आईसीए सदस्य संगठनों के प्रतिनिधि, नेपाली सहकारी नेता और अन्य लोग उपस्थित थे।
आईसीए के अध्यक्ष ग्वारको ने महामारी के कारण नेपाल के सहकारी संस्थानों की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के लिए “वैश्विक महामारी कोष “ बनाया गया है।
“यद्यपि टीकाकरण के लिए सहयोग करना आसान नहीं है क्योंकि यह सरकारी विनियमन के तहत है, मैं वैश्विक सहकारी मंच पर नेपाल की दुर्दशा को बताऊँगा और संभावित उपायों का प्रयास करूंगा”, ग्वारको ने प्रतिभागियों को आश्वासन दिया।
एनसीएफ की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और आईसीए ग्लोबल बोर्ड की सदस्य सुश्री ओम देवी मल्ला ने नेपाल में सहकारी समितियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आइसीए के साथ संभावित सहयोग पर केंद्रित टिप्पणी की।
एनसीएफ के हाल ही में रहे अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री और आईसीए-एपी क्षेत्रीय बोर्ड के सदस्य ने कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद नेपाल की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक के दौरान, एनसीएफ के महाप्रबंधक ने “नेपाली सहकारी आंदोलन की स्थिति और महामारी में एनसीएफ की कारवाई” पर एक प्रस्तुती दी। प्रस्तुतियों ने सहकारी क्षेत्र में महामारी के प्रभाव का उल्लेख किया और महामारी से लड़ने के लिए हस्तक्षेप मॉडल पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में एनसीएफ के उपाध्यक्ष रमेश प्रसाद पोखरेल, एनसीएफ बोर्ड के सदस्य और राष्ट्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष – केबी उप्रेती और कर्मचारीगण, नेपाल कृषि सहकारी केंद्रीय संघ (एनएसीसीएफएल) और नेपाल बहुउद्देशीय केंद्रीय सहकारी संघ (एनईएमसीसीयू) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
समापन टिप्पणी एनसीएफ के अध्यक्ष मिन राज कडेल ने यह कहते हुए व्यक्त की कि नेपाल में सहकारी समितियां महामारी के खिलाफ विविध कार्य कर रही हैं। यदि अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्कों के बीच एकजुटता की संभावना है, तो वे नेपाल में सहयोग के व्यवसाय को आगे भी जारी रख सकते हैं।