महाराष्ट्र स्थित सतारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 में 150 करोड़ रुपये का सकल लाभ और 65 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। बता दें कि एनसीपी के हाई प्रोफाइल नेता बैंक की सत्ता पर काबिज हैं।
सतारा डीसीसीबी इन दिनों कोविड-19 की दूसरी लहर में जरूरतमंदों की मदद करने की दिशा में मीडिया की सुर्खियों में है। बैंक ने सरकारी अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मदद करने और वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंटेटर उपलब्ध कराने के लिए 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
बैंक साल दर साल अच्छा कारोबार कर रहा है। जहाँ वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के मद्देनजर बैंकिंग उद्योग काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है, वहीं सतारा बैंक के कारोबार पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।
बैंक का कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में 14 हजार करोड़ रुपये के पार हो गया। इससे पहले 2019-20 में बैंक का कुल व्यापार 12,867 करोड़ रुपये का था। इसके अलावा, बैंक शून्य प्रतिशत शुद्ध एनपीए बनाए रखने की परंपरा में भी सफल रहा। 31 मार्च 2021 को बैंक का सकल एनपीए 0.23 प्रतिशत से घटकर 0.17 प्रतिशत हो गया।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ राजेंद्र नानासो सरकाले ने कहा, “चुनौतियों के बावजूद, हमने वित्तीय वर्ष 2020-21 में सभी वित्तीय मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक का 31 मार्च 2021 तक जमा 8500 करोड़ और ऋण और अग्रिम 5500 करोड़ रुपये रहा।
“पिछले 13 वर्षों से हमारा शुद्ध एनपीए ‘शून्य’ है और 2020-21 में बैंक का सकल एनपीए 0.17 प्रतिशत रहा। सतारा जिले में 953 से अधिक पैक्स हैं जो हमारे बैंक से जुड़ी हैं और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इनमें से 850 सोसायटी लाभ में हैं। इसके अलावा, हमारे बैंक का सीआरएआर 11.96 प्रतिशत है और रिजर्व फंड और निजी फंड 670 करोड़ रुपये का है”, सरकाले ने फोन पर कहा।
बैंक की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “हमारा बैंक जिले के किसानों को शून्य ब्याज दर पर 3 लाख रुपये का ऋण देने के साथ-साथ किसानों के बेटों को देश में शिक्षा के लिए 20 लाख और विदेश में 30 लाख रुपये का ऋण शून्य ब्याज दर पर दे रहा है। वर्तमान में 490 लाभार्थी हैं”, बैंक के सीईओ ने दावा किया।
इसके अलावा, बैंक को पिछले छह वर्षों से लगातार नाबार्ड के “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। बैंक को अब तक 94 पुरस्कार मिले हैं और 2015 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में “सहकारी बैंकिंग टॉपर” के रूप में दर्ज किया गया था।
सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए बैंक की हर जगह प्रशंसा हो रही है। यहाँ तक कि स्थानीय विधायक और सांसद भी बैंक के प्रयासों की तारीफ कर रहे हैं। वाई, खंडाला के विधायक मकरंद पाटिल ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा, “सतारा जिला सेंट्रल बैंक ने मेरे खंडाला महाबलेश्वर निर्वाचन क्षेत्र को 10 वेंटिलेटर प्रदान किए हैं। बैंक के अध्यक्ष शिवेंद्र सिंहराजा अभयसिंहराजे भोंसले और निदेशक मंडल को बहुत-बहुत धन्यवाद। कई अन्य लोग भी हैं जिन्होंने बैंक के प्रयासों की सराहना की।
सतारा डीसीसीबी की स्थापना 15 अगस्त 1949 को हुई थी और इसकी 320 शाखाओं का नेटवर्क है।