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केरल में विज्ञापन मामले में गुजरात स्टेट को-ऑप बैंक की आलोचना

सोशल मीडिया पर केरल के अखबारों में विज्ञापन देने के मामले में गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव (जीएससी) बैंक की काफी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया के कुछ यूजर्स का कहना है कि बैंक की केरल में एक भी शाखा नहीं है तब भी वह केरल के अखबारों में विज्ञापन दे रहा है।

बता दें कि विज्ञापन में बैंक नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहा है और देश के पहले सहकारिता मंत्री बनने के लिए अमित शाह को भी बधाई दे रहा है।

जब “भारतीयसहकारिता” ने बैंक के अध्यक्ष को इस पर प्रतिक्रिया के लिए फोन किया तो उन्होंने सवाल सुनने के बाद फोन काट दिया और बाद में फोन नहीं उठाया।

जिसके बाद हमने बैंक के सीईओ प्रदीप वोरा से संपर्क किया, जिन्होंने कहा, “वर्तमान में मैं अपनी बेटी की शादी में व्यस्त हूँ और कार्यालय पहुँचने पर आपसे बात करूंगा”।

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, “गुजरात का कोऑपरेटिव बैंक पीएम मोदी और अमित शाह को सहकार मंत्रालय बनाने के लिए धन्यवाद का विज्ञापन केरल के अखबार में दे रहा है। ऐसे राज्य में जहां बैंक की कोई ब्रांच नहीं है और ऐसी भाषा में जिसे गुजरात के ज्यादातर लोग नहीं जानते।”

एक अन्य ने लिखा, “सब का साथ सब का विकास यही फंडा है ,बैंक की ब्रांच और भाषा से कोई लेना देना नहीं बस विज्ञापन तो है।गुजरात को,ऑपरेटिव बैंक का।” “यही तो भ्रष्टाचार है कुश दिन पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गुजरात के अख़बार में गुजराती में विज्ञापन दिया था की हम कोरोना की वजह से मारे गए लोगों को आर्थिक सहाय प्रदान करेंगे अब गुजरात में कोन इस सहाय का हक़दार होगा?”, एक अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा।

जीएससी बैंक की स्थापना 1960 में हुई थी। लगभग 8100 पैक्स से 28 लाख किसान इसके साथ जुड़े हैं। पूरे गुजरात में बैंक की 25 से अधिक शाखाएँ हैं।

गुजरात स्टेट को-ऑप बैंक के विज्ञापन की तुलना में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी उन क्षेत्रों में विज्ञापन पर पैसे खर्च किया जहाँ दिल्ली सरकार की मौजूदगी नहीं है।

एक आरटीआई रिपोर्ट से पता चला है कि ‘आप’ के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अप्रैल-जून 2021 के बीच विज्ञापनों पर 64 करोड़ रुपये खर्च किए।

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