गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक ने हाल ही में अपनी 62वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया। बैठक में बताया गया कि बैंक ने कोविड-19 चुनौतियों के बावजूद भी वित्त वर्ष 2020-21 में 54.41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष यानी 2019-20 की तुलना में 22.69 करोड़ रुपये अधिक है।
इसके अलावा, बैंक ने लगभग सभी वित्तीय मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ने अग्रिमों में गिरावट दर्ज की है। 2019-20 में अग्रिम 6706.25 करोड़ रुपये से घटकर 2020-21 में 6097.97 करोड़ रुपये हो गया है।
गौरतलब है कि गुजरात सरकार में कुछ कैबिनेट मंत्री और सांसद, विधायक बैंक के बोर्ड में हैं। इस अवसर पर बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल, उपाध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, दिलीपभाई संघानी, जीएच अमीन, नरहरि अमीन, प्रतिनिधि, बैंक अधिकारी और अन्य उपस्थित थे। एजीएम का आयोजन कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया था।
बैंक की जमा राशि 7556.48 करोड़ रुपये से बढ़कर 8899.26 करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक का भंडार 746.20 करोड़ रुपये से बढ़कर 872.73 करोड़ रुपये हो गया जबकि शेयर पूंजी 39.31 करोड़ रुपये से बढ़कर 37.31 करोड़ रुपये हो गई।
इस साल बैंक ने अपने सदस्यों को 15 प्रतिशत लाभांश देने का प्रस्ताव किया है। 31 मार्च 2021 को बैंक का सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए क्रमशः 1.45 प्रतिशत और 0 प्रतिशत था।
बैंक के वाइस चेयरमैन और बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी ने इस खबर को साझा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ”गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा अहमदाबाद में आयोजित 62वीं वार्षिक आम बैठक में हिस्सा लिया। बैंक ने ग्राहकों को उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ पिछले वित्तीय वर्ष में बैंक की प्रगति के बारे में सदस्यों को अवगत कराया”।
“भारतीयसहकारिता” ने बैंक के सीईओ प्रदीप वोरा को इस पर प्रतिक्रिया के लिए फोन किया लेकिन सभी प्रयास विफल रहे।
पाठकों को याद होगा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी सहयोगी और इस बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल ने ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विमुद्रीकरण के दौरान अदालत में घसीटा था। हालांकि, हाल तक बैंक केरल के अखबारों में विज्ञापन देने के लिए चर्चा में था।
जीएससी की स्थापना 1960 में हुई थी। 8100 पैक्स के लगभग 28 लाख किसान इससे जुड़े हैं। पूरे गुजरात में बैंक की 25 से अधिक शाखाएँ हैं।