राज्यसभा के बाद सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में भी जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित हो गया।
इससे संकटग्रस्त बैंकों के करोड़ों छोटे जमाकर्ताओं को लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कानून से पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक सहित छोटे जमाकर्ताओं को फायदा होगा।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तेजस्वी सूर्य के हवाले से कहा गया है कि कर्नाटक स्थित गुरु राघवेंद्र बैंक के सभी जमाकर्ता इस सशोधन से लाभान्वित होंगे। श्रीमती सीतारमण ने खुद कहा कि 23 सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को नए संशोधित डीआईसीजीसी अधिनियम से लाभ होने जा रहा है।
लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद, सीतारमण के सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट किया गया कि संशोधन की मुख्य विशेषता है – डीआईसीजीसी द्वारा बैंकों के जमाकर्ताओं को आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों/स्थगन के साथ अंतरिम भुगतान।
उनके कार्यालय द्वारा किये गये एक अन्य ट्वीट के मुताबिक, “इस बिल के पारित होने के बाद, भारत में जमा बीमा कवरेज 98.3% हो गया है और कवर जमा मूल्य बढ़कर 50.9% हो गया है, जबकि वैश्विक स्तर पर संबंधित आंकड़े केवल 80% और 20-30% हैं।
सोशल मीडिया पर सीतारमण के ट्वीट पर कुछ दिलचस्प प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिलीं। सोशल मीडिया यूर्जस ने वित्त मंत्री की प्रशंसा की।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सहकार भारती के नेता सतीश मराठे ने कहा, “यह शहरी सहकारी बैंकों और उनके जमाकर्ताओं दोनों के लिए एक बड़ा दिन है। आपकी 5 लाख रुपये तक की राशि अब सुरक्षित है।” इससे पहले, मराठे ने कड़ा तर्क दिया था कि बिल में “मोराटोरियम” की शर्त पेश करने से बैंकों को मदद नहीं मिलेगी।
इस फैसले से उन सभी शहरी सहकारी बैंकों (जैसे पेन अर्बन को-ऑप बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र से रुपया बैंक लिमिटेड, कर्नाटक से गुरु राघवेंद्र को-ऑप बैंक लिमिटेड, आदि) के जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी। कई सहकारी बैंक काफी लंबे समय से आरबीआई के निर्देशों के तहत हैं और जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पान के लिए लंबा इतंजार करना पड़ रहा है।