भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कुप्पम को-ऑपरेटिव टाउन बैंक पर आरबीआई द्वारा दिनांक 1 जुलाई 2015 को जारी आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधान तथा अन्य संबंधित मामले-यूसीबी संबंधी मास्टर परिपत्र तथा 1 जुलाई 2015 के निदेशक मंडल-यूसीबी संबंधी मास्टर परिपत्र में निहित निदेशों के कतिपय प्रावधान का उल्लंघन/ अनुपालन न करने के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
नोटिस पर बैंक के लिखित उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।