उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री दान सिंह रावत ने हाल ही में रानीखेत शहर में स्थित तीन स्वयं सहायता समूहों का दौरा किया और यह जानकर आश्चर्यचकित हुये कि उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों को लंदन और नीदरलैंड में निर्यात किया जा रहा है।
इस मौके पर रावत ने महिला समूहों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और आग्रह किया कि इन समूहों के माध्यम से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जाना चाहिए।
मंत्री के मुताबिक, इन सूमहों को सहकारी बैंकों के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है।
इस खबर को उत्तराखंड के सहकारिता विभाग ने अपनी फेसबुक वॉल के माध्यम से साझा किया। उन्होंने लिखा, “सहकारिता विभाग के सहयोग से राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। राज्य के रानीखेत शहर में स्थित तीन स्वंय सहायता समूहों अर्थात् जागृति, उन्नति और प्रगति एसएचजी प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं”।
“57 महिलाएं इन समूहों से जुड़ी हुई हैं। इन्होंने एक साल के लिए 38 हजार रुपये किराया देकर हॉल लिया है। वे मास्क, कृत्रिम आभूषण, शादी के कार्ड और कई अन्य वस्तुएं बना रही हैं। लंदन और नीदरलैंड में खादी मास्क की बड़ी मांग है। ये एसएचजी इन देशों को अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं”, फेसबुल पोस्ट के मुताबिक।
अल्मोड़ा जिला सहकारी बैंक ने प्रत्येक एसएचजी को 5 लाख रुपये का ऋण मंजूर किया है। रानीखेत में यह स्वयं सहायता समूह हिल क्राफ्ट सोसायटी की छत्रछाया में काम कर रहा है। हिल क्राफ्ट एकमात्र ऐसा संगठन है जो विदेशों में मार्केटिंग का काम करता है।
अल्मोड़ा डीसीसीबी के महाप्रबंधक नरेंद्र चंद्रा ने कहा कि रानीखेत के मुखौटे यूरोपीय लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। स्वयं सहायता समूह की प्रमुख नीमा पांडे ने कहा कि सहकारिता विभाग और बैंकों की योजनाएं से उनकी जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है।