नेफेड ने अपनी 64वीं वार्षिक आम सभा के दौरान शेयरधारकों को 15 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की। इस खबर से शेयधारकों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस बैठक का आयोजन पिछले सप्ताह एनसीयूआई सभागार में किया गया था, जिसमें संस्था के जुड़े कई प्रतिनिधि आभासी रूप से शामिल हुए।
अपने इतिहास में नेफेड ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। पाठकों को याद होगा कि पांच साल पहले मोदी सरकार द्वारा बेलआउट हस्तक्षेप के कारण संस्था को नई जिंदगी मिली थी और तब से लेकर आज तक नेफेड लगातार विकास पथ पर अग्रसर है।
अपने संबोधन में नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि 2020-21 के दौरान नेफेड ने 243.89 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ-साथ 36,894.95 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया है। यह तथ्य अध्यक्ष के एक बयान से भी स्पष्ट हो गया जब उन्होंने सभागार में मौजूद दर्शकों को बताया कि पिछले वर्ष तक संस्था के प्रतिनिधियों को थ्री-टियर एसी का किराया दिया जाता था, लेकिन इस वर्ष उन्हें टू-टियर एसी का किराया दिया गया है। नेफेड ने अपने इतिहास में पहली बार 15 प्रतिशत लाभांश दिया है और यकीन है कि बहुत जल्द 20 प्रतिशत दिया जाएगा”, सिंह ने कहा।
इस अवसर पर बिजेंद्र सिंह ने नेफेड को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए बोर्ड और नेफेड के कर्मचारियों की भी सराहना की। उन्होंने अपने उद्बोधन में एमडी के नाम का उल्लेख किया और उनकी निस्वार्थता का उदाहरण देते हुए लोगों को बताया कि एमडी संजीव कुमार चड्ढा ने पिछले साल बोर्ड द्वारा उन्हें दिए गए 51 लाख रुपये का प्रोत्साहन वापस कर दिया है, उन्होंने कहा।
अध्यक्ष ने नेफेड के इतिहास को भी दोहराया और इसके पुनरुद्धार में भूमिका निभाने वालों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने दिलीप संघानी, मोहनभाई कुंदरिया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य का धन्यवाद किया।
उन्होंने नेफेड को निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन एवं विभिन्न कार्य देकर नेफेड में विश्वास व्यक्त करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, पुरुषोत्तम रूपाला, सचिव (ए एंड सी), अतिरिक्त सचिव (ए एंड सी), और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का भी धन्यवाद किया।
इस मौके पर संस्था के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने प्रतिनिधियों के समक्ष वित्तीय रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे शेयरधारकों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। नेफेड की गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट देते हुए एमडी ने कहा कि खरीद पर नेफेड की निर्भरता को कम करने का प्रयास चल रहा है और जल्द ही इसका आधा कारोबार खरीद से स्वतंत्र हो जाएगा। चड्ढा ने रेखांकित किया कि पिछली गलतियों को न दोहराने के प्रति सावधान रहते हुए हमें कृषि-व्यवसाय पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता लानी होगी।
चड्ढा ने बताया कि पिछले 4-5 वर्षों में अच्छे प्रदर्शन के कारण नेफेड का नेटवर्थ सकारात्मक हो गया है और यह अब 2800 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण के लिए पात्र है।
उन्होंने सदस्य सहकारी समितियों का भी आह्वान किया कि वे कृषि इंफ्रा फंड से अधिक से अधिक लाभ उठाएं। “नेफेड आपके लिए डीपीआर तैयार करेगा, नेफेड आपके आवेदनों को वेबसाइट पर अपलोड करेगा; आपको केवल यह बताना है कि आप क्या करना चाहते हैं” चड्ढा ने मंच से कहा।
इस अवसर पर डॉ चंद्र पाल सिंह यादव और दिलीप संघानी ने भी अपने-अपने विचार रखे। नेफेड के उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने अपनी विशिष्ट शैली में धन्यवाद प्रस्ताव दिया। नेफेड के अतिरिक्त एमडी सुनील सिंह ने कुशलतापूर्वक कार्यवाही का संचालन किया।