पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का उल्लंघन करने वाले भारत के कई सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। ये सहकारी बैंक एपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में स्थित हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुजरात स्थित पोरबंदर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों तथा फर्मों/ प्रतिष्ठानों, जिनमें उनका हित हो, को ऋण एवं अग्रिम’ संबंधी दिशानिर्देशों के उल्लंघन करने के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
14 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने कुप्पम को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, कुप्पम, चित्तूर जिला, आंध्र प्रदेश पर 5.00 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस बैंक पर आरबीआई द्वारा दिनांक 1 जुलाई 2015 को जारी आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधान तथा अन्य संबंधित मामले-यूसीबी संबंधी मास्टर परिपत्र तथा 1 जुलाई 2015 के निदेशक मंडल-यूसीबी संबंधी मास्टर परिपत्र में निहित निदेशों के कतिपय प्रावधान का उल्लंघन/अनुपालन न करने हेतु दंड लगाया गया है।
इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 16 सितंबर 2021 को मध्य प्रदेश स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों, जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 (योजना) और आरबीआई द्वारा “अपने ग्राहक को जानिए” (केवाईसी) पर जारी निदेशों के प्रावधानों का उल्लंघन/अननुपालन करने के लिए 1.00 लाख रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया था।
आरबीआई ने मध्य प्रदेश स्थित छतरपुर जिला सहकारी बैंक पर आरबीआई द्वारा जारी “अपने ग्राहक को जानिए” (केवाईसी) संबंधी निर्देशों का उल्लंघन/अनुपालन न करने के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
महाराष्ट्र स्थित भण्डारा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने रु.13,000/- (तेरह हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
यह जुर्माना बैंक पर क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसी अधिनियम) के प्रावधानों और सहकारी बैंकों द्वारा क्रेडिट सूचना कंपनियों की सदस्यता पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन/अननुपालन के लिए लगाया गया है।
जुर्माना लगाने के अलावा, आरबीआई ने पिछले सप्ताह कई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों पर जारी दिशा-निर्देशों की अवधि में भी विस्तार किया है। इस कड़ी में पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक पर जारी दिशा-निर्देशों को 18 सितंबर, 2021 से लेकर 17 दिसंबर, 2021 तक तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया है।