नेशनल लेबर को-ऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनएलसीएफ) ने हाल ही में अपनी 45वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन एक नए जोश के साथ किया। इस अवसर पर मौजूद कई प्रतिनिधियों ने महसूस किया कि नए मुख्य कार्यकारी एन सत्यनारायण और चेयरमैन इंचार्ज अशोक डबास की जोड़ी संस्था को पुनर्जीवित करने में कारगर साबित हो सकती है।
पाठकों को याद होगा कि हाल के दिनों में एक असामान्य घटनाक्रम में अशोक डबास को प्रभारी अध्यक्ष बनाया गया था। इस अवसर का भरपूर उपयोग करते हुए, डबास ने देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधियों के बीच ऊर्जा का संचार पैदा करने की कोशिश की।
अपनी पीठ थपथपाते हुए डबास ने बताया कि मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित जनजातीय क्षेत्र उप-योजना श्रेणी के तहत कार्यक्रमों के लिए एनएलसीएफ को 80 लाख रुपये जारी किए हैं।
डबास ने कहा, “हम कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आभारी हैं, जिसने श्रम सहकारी समितियों के कौशल विकास/सदस्य जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सहायता अनुदान के रूप में एक बड़ी राशि जारी की।”
इस मौके पर उन्होंने फेडरेशन द्वारा की जा रही पहलों का भी जिक्र किया। “हमने केंद्रीय भंडार सहित कई संगठनों के साथ करार किया है। भविष्य में हम निर्माण मजदूरों को नि:शुल्क टूल किट उपलब्ध कराएंगे और वर्तमान में एनजीओ के माध्यम से उन्हें आवश्यक सामग्री किट उपलब्ध करायी जा रही है। हमने 1 लाख किट वितरित करने का लक्ष्य रखा है”, उन्होंने बताया।
“हमारे माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह जी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व में, हम काफी आशान्वित हैं कि महासंघ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा”, उन्होंने कहा।
“श्रम सहकारी समितियों के प्रचार और विकास के अपने मुख्य उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, श्रम सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए सदस्य संगठनों का मार्गदर्शन और सहायता करते हुए, एनएलसीएफ ने नई गतिविधियों और कार्यक्रमों में विविधता लाना शुरू कर दिया है। वर्ष 2020-21 के दौरान, एनएलसीएफ ने अपने सदस्यों के आधार को बढ़ाने के प्रयास किए”, डबास ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा।
हालांकि उन्होंने आगे कहा, “कोविड-19 महामारी और कई अन्य कारणों से हम अपेक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल नहीं पाए हैं, लेकिन हम आने वाले वर्षों में एनएलसीएफ को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए और अधिक प्रयास करेंगे”।
बोर्ड के अंतर्कलह के चलते एनएलसीएफ ने हाल ही के दिनों में काफी सुर्खियां बटोरी थी। मंच से, डबास ने एनएलसीएफ के निर्माण में प्रतिनिधियों का समर्थन मांगते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमें एकजुट होना होगा और श्रम सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा।
कई प्रतिनिधियों ने भी विभिन्न मुद्दों पर बात की। प्रतिनिधियों में से एक ने मांग की कि प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों के लिए सदस्यता शुल्क कम किया जाना चाहिए। हरियाणा के एक प्रतिनिधि ने कहा कि मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले अनुदान का विशेष ऑडिट होना चाहिए। एक अन्य ने कहा कि 10 लाख रुपये से कम का टेंडर ऑफलाइन होना चाहिए।
अरुण कुमार तोमर ने इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा।