गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटीज फेडरेशन और सूरत डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटीज फेडरेशन ने हाल ही में संयुक्त रूप से दो दिवसीय सहकारी शैक्षिक प्रशिक्षण संगोष्ठी का आयोजन सिलवासा में किया। इस संगोष्ठी में सूरत जिले में स्थित विभिन्न क्रेडिट सहकारी समितियों से जुड़े करीब 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इसकी अध्यक्षता गुजरात राज्य सहकारी संघ और गुजरात राज्य सहकारी क्रेडिट सोसायटी फेडरेशन के अध्यक्ष जीएच अमीन ने की। इसके अलावा, आयोजन का उद्घाटन साबरकांठा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और फेडरेशन के उपाध्यक्ष महेशभाई शाह ने किया। इस मौके पर स्थानीय सहकारी नेताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, फेडरेशन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
अपने अध्यक्षीय भाषण में, जीएच अमीन ने क्रेडिट सहकारी समितियों से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दे जैसे आयकर, बैंकिंग संशोधन विधेयक, 97वें संवैधानिक संशोधन समेत अन्य पर बात की। इस मौके पर उन्होंने राज्य और राष्ट्र के विकास में सहकारी संस्थानों की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्रेडिट सोसायटी जमीनी स्तर पर लोगों की जरूरतों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं और इसलिए उनका महत्व बैंकों से काफी अधिक है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, साबरकांठा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष महेशभाई पटेल ने सहकारी आंदोलन पर विस्तार से कहा कि गुजरात के विकास में सहकारी निकायों का महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों और अन्य लोगों की वित्तीय और कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा करने में राज्य के जिला सहकारी बैंक काफी सक्रिय है। उन्होंने कहा कि सहकारिता से ही समृद्धि संभव है।
दादरा नगर हवेली सहकारी संघ के अध्यक्ष विनीत कुमार मुंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि छोटे सहकारी संस्थान लोगों की जरूरतों को पूरा करने में काफी सक्षम हैं। उन्होंने घनश्यामभाई अमीन द्वारा सहकारी क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की और दादरा नगर हवेली में सहकारी गतिविधियों के विकास में उनके योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर कई अन्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भी सहकारिता क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। घनश्यामभाई अमीन ने सहकारिता अधिनियम पर अंग्रेजी में लिखी पुस्तक और उनकी जीवनी “कल्याणपत्तन कर्मयोगी” सभी अतिथियों को भेंट की। गोरधनभाई लाठिया ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।