केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिभुवनदास पटेल को उनकी जन्म जयंती पर याद किया। भारत को दुनिया का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनाने के लिए श्वेत क्रांति लाने वाले पटेल को देश में सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखने का श्रेय जाता है।
शाह ने लिखा, “स्वतंत्रता आंदोलन में देश की स्वाधीनता के लिए लड़ने वाले त्रिभुवनदास पटेल जी ने अमूल की स्थापना करने के साथ-साथ सहकारिता के विचार को गांव-गांव तक पहुँचाने का भगीरथ कार्य किया। देश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाने व अमूल की सफलता में उनका उल्लेखनीय योगदान है। उन्हें कोटिशः नमन।”
अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाली कंपनी जीसीएमएमएफ ने भी अमूल टॉपिकल जारी कर उनको याद किया। 1946 में पटेल कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के संस्थापक थे और बाद में आनंद (गुजरात) में अमूल सहकारी आंदोलन के संस्थापक बने। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और गांधी के प्रतिबद्ध अनुयायी थे।
1940 के दशक के अंत तक, उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के मार्गदर्शन में खेड़ा जिले में किसानों के साथ काम करना शुरू किया था और यूनियन की स्थापना के बाद, उन्होंने 1950 में वर्गीस कुरियन नामक एक युवा प्रबंधक को काम पर रखा, जो सहकारिता आंदोलन का नेतृत्व करने के कारण अमूल का पर्याय बन गये।