भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोमवार को पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (यूएसएफबी), जो कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत भारत में निगमित एक बैंकिंग कंपनी है और जिसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में है, के साथ समामेलन की एक मसौदा योजना सार्वजनिक डोमेन में रखी है। यूएसएफ़बी ने 1 नवंबर 2021 से परिचालन शुरू कर दिया है।
पीएमसी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र, एक बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंक को धोखाधड़ी, जिससे बैंक के निवल मूल्य में भारी गिरावट आई, के कारण दिनांक 23 सितंबर 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-1/12.22.183/2019-20 के द्वारा 23 सितंबर 2019 से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35-ए की उप-धारा (1) के तहत सर्वसमावेशी निदेशों के तहत रखा गया था ।
आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, निदेशों की अवधि को पिछली बार 25 जून 2021 के निदेश द्वारा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया था। पीएमसी बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए और पूंजी निवेश के प्रस्तावों के अभाव में, बैंक अपने आप में अर्थक्षम नहीं था। उस स्थिति में, कार्रवाई का एकमात्र तरीका इसके लाइसेंस को रद्द करना और इसका परिसमापन करना हो सकता था, जिसमें जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये की बीमा सीमा तक भुगतान प्राप्त होता।
आज प्रकाशित समामेलन की मसौदा योजना में, जमाकर्ताओं के लिए अधिक से अधिक सुरक्षा प्रदान करने वाली योजना के प्रावधानों के संदर्भ में यूएसएफबी द्वारा जमाराशि सहित पीएमसी बैंक की आस्ति और देयताओं के अधिग्रहण को शामिल किया गया है। यह देखा जा सकता है कि निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंक के ऑन-टैप लाइसेंसिंग के लिए 5 दिसंबर 2019 के दिशानिर्देशों के तहत एक लघु वित्त बैंक की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपये की विनियामक आवश्यकता के विपरीत, समामेलन के बाद भविष्य की तारीख में और पूंजी डालने के प्रावधान के साथ लगभग 1,100 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ यूएसएफबी की स्थापना की जा रही है।
रिज़र्व बैंक ड्राफ्ट योजना पर सदस्यों, जमाकर्ताओं और हस्तांतरणकर्ता बैंक (पीएमसी) और हस्तांतरिती बैंक (यूएसएफबी) के अन्य लेनदारों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करता है, जिसे “नोटिस” में उल्लिखित पते पर भेजा जा सकता है। ड्राफ्ट योजना को हस्तांतरणकर्ता बैंक और हस्तांतरिती बैंक को भी उनके सुझाव और आपत्तियों के लिए भेज दिया गया है।
रिज़र्व बैंक द्वारा सुझाव और आपत्तियां 10 दिसंबर 2021 को शाम 5.00 बजे तक प्राप्त की जाएगी। इसके बाद रिज़र्व बैंक अंतिम विचार करेगा।