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पीएम के समक्ष राजस्थान के एफपीओ ने नेफेड के प्रयासों को सराहा

राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित हनी फेडरेशन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के इंद्रपाल ने किसानों को शहद व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करने में कृषि सहकारी संस्था नेफेड के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

उन्होंने पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की 10वीं किस्त जारी करने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष अपने विचार साझा किये।

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल कम्युनिकेशन में इंद्रपाल ने कहा, ‘नेफेड के प्रयासों से हम अपने शहर में शहद का कारोबार करने में सक्षम हैं और हमने हमारे द्वारा उत्पादित शहद को स्थानीय बाजारों में बेचना शुरू कर दिया है। अज्ञानता के कारण हमारे शहर का छोटा मधुमक्खी पालक अपना शहद मार्किट में नही बेच पाता था और इसे बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर किया जाता था।”

“फिर हमने टेलीविजन पर आपकी (प्रधानमंत्री) बात सुनी जिसमें आपने घोषणा की कि केंद्र सरकार 10 हजार नए एफपीओ स्थापित करेगी। आपके इस विचार से प्रेरित होकर, हमने एक एफपीओ का गठन करने की योजना बनाई और बाद में, नेफेड के अधिकारी हमारे यहां आए और हमें एफपीओ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया”, इंद्रपाल ने कहा, जिसे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सुना।

जब प्रधानमंत्री ने किसान से पूछा कि क्या आपको कोई समर्थन मिल रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया, “हमें कार्यालय संचालन के लिए नेफेड से समर्थन मिल रहा है और हमे नेफेड ने संग्रह केंद्र, प्रयोगशाला और प्रसंस्करण इकाई प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शहद का उत्पादन किया जा सके और उसे देश के विभिन्न हिस्सों में बेचा जा सके।”

बता दें कि नेफेड द्वारा मधुमक्खी पालकों के लिए बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एफपीओ का गठन किया जा रहा है। एक मोटे अनुमान के अनुसार, नेफेड की मदद से लगभग 60,000 क्विंटल शहद प्रसंस्करण इकाइयों में निकाला गया शहद सीधे उपभोक्ताओं को बेचा जाएगा।

शहद उत्पादकों के समग्र विकास के लिए नेफेड एक परियोजना के तहत शहद उत्पादन के साथ-साथ तकनीकी जानकारी और उनके उत्पादों का निर्यात भी सुनिश्चित करेगी।

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