पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चुनाव में एक बार फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने प्रचंड जीत हासिल की है लेकिन भाजपा नेता प्रदीप कांड की जीत ने सारा मजा किरकिरा कर दिया।
बता दें कि बैंक की सत्ता पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का दबदबा है और उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव भी लड़ा गया था।
बैंक के बोर्ड में 21 सदस्य निर्वाचित होते हैं, जिसमें से 14 निदेशक निर्विरोध चुने गये थे और 7 सीटों पर चुनाव पिछले सप्ताह रविवार को हुआ और परिणाम मंगलवार दोपहर को घोषित किये गये।
इस चुनाव में भाजपा नेता प्रदीप कांड ने एनसीपी नेता सुरेश घुले को एक छोटे अंतर से हराया है। पाठकों को याद होगा कि कांड पहले एनसीपी में थे लेकिन बाद में वह भाजपा में चले गये। अन्य छ: सीटों पर एनसीपी के विजयी नेताओं में विधायक अशोक पवार, सुनील चंद्रा, विकास डंगट, पूजा बुटे पाटिल, दिगंबर गणपत और जगदे निर्मला का नाम शामिल हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, रेवन्नाथ दरवतकर समेत अन्य निर्वोरोध चुने गये थे। केवल दो निदेशक कांग्रेस पार्टी से निर्वारोध चुने गये हैं जिसमें विधायक संग्राम थोपटे और विधायक संजय जगताप का नाम शुमार है।
चुनाव के तुरंत बाद “भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए निवर्तमान अध्यक्ष रमेशप्पा थोराट ने कहा, “हमें बहुत खुशी है कि एनसीपी के नेताओं को प्रचंड बहुमत मिला है। इससे पता चलता है कि मतदाताओं ने हमारे पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया है। हम अपने मतदाताओं के भी शुक्रगुजार हैं जिन्होंने एक बार फिर एनसीपी नेताओं को बैंक चलाने की इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे”, थोराट ने कहा, जो चुनाव में निर्विरोध चुने गए थे।
बताया जा रहा है कि जल्द ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। नवनिर्वाचित टीम का कार्यकाल पांच साल का होगा।
कोविड -19 के बावजूद, बैंक ने 2020-21 वित्तीय वर्ष में 282.51 करोड़ रुपये का सकल लाभ अर्जित किया, जो कि इसके 104 वर्षों के इतिहास में सबसे अधिक है। बैंक का कारोबार 19000 करोड़ रुपये से अधिक का है।